जयपुर. राजस्थान के प्राथमिक शिक्षा विभाग (Primary Education Department of Rajasthan) में बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षकों को इधर-उधर करने की कवायद शुरू हो चुकी है. लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्टाफिंग पैटर्न (Staffing Pattern in Secondary Education Department) के आधार पर बदलाव अभी तक नहीं हुए हैं. ऐसे में शिक्षक संगठनों ने अब माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्टाफिंग पैटर्न लागू करने की मांग तेज कर दी है.
2016 में लाया गया स्टाफिंग पैटर्न का फार्मूला
राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ (Rajasthan Primary Secondary Teachers Association) के प्रदेशाध्यक्ष शशिभूषण शर्मा का कहना है कि साल 2016 में स्टाफिंग पैटर्न का फार्मूला लाया गया था और इसके आधार पर बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षक लगाने की व्यवस्था की गई थी. यह फार्मूला लागू होने के बाद प्रारंभिक शिक्षा में दूसरी बार बच्चों के अनुपात में शिक्षक लगाए जाने की कवायद विभाग ने शुरू कर दी है.
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माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी स्टाफिंग पैटर्न लागू करने की मांग
यह अच्छी बात है और यह नियमों में भी साफ है कि हर दो साल बाद छात्रों और शिक्षकों के अनुपात की समीक्षा की जाएगी. लेकिन दुखद है कि स्टाफिंग पैटर्न लागू होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग में अभी तक एक बार भी बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षक लगाने की व्यवस्था नहीं की गई है. शर्मा के अनुसार, उनका संगठन मांग कर रहा है कि प्रारंभिक (प्राथमिक) शिक्षा की भांति माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी स्टाफिंग पैटर्न लागू किया जाए और बच्चों की संख्या के अनुपात में ही स्कूल में शिक्षक लगाए जाएं.