जयपुर. देश में आज 15वें राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) को लेकर मतदान हुआ, लेकिन कांग्रेस के भंवर लाल शर्मा और BTP के राजकुमार रोत वोट डालने नहीं आए. एनडीए की ओर से जहां प्रथम आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है. हालांकि, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा है कि सभी 126 विधायकों के वोट यशवंत सिन्हा को ही मिलेंगे. पार्टी लाइन के चलते कांग्रेस पार्टी के एसटी विधायक यशवंत सिन्हा (ST MLAs of Rajasthan Congress speak on Presidential Election) को वोट देने की तो बात की, लेकिन कई एसटी विधायक द्रौपदी मुर्मू को लेकर भी धर्म संकट में नजर आए.
यही कारण था कि कांग्रेस के एसटी विधायक वोट देने के बाद पार्टी लाइन के अनुसार पार्टी प्रत्याशी को वोट देने की बात तो कहते दिखे, लेकिन वह यह भी कहा कि देश में आदिवासी राष्ट्रपति बने यह भी अच्छी बात होगी. यहां तक कि मंत्री मुरारी लाल मीणा और पूर्व मंत्री दयाराम परमार ने तो द्रौपदी मुर्मू की जीत भी घोषित कर दी है.
कांग्रेस के भंवर लाल शर्मा और BTP के राजकुमार रोत ने नहीं डाला वोट : राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गया है. राजस्थान की बात करें तो 200 में से 198 विधायकों ने ही वोट डाला. कांग्रेस के भंवर लाल शर्मा और बीटीपी के राजकुमार रोत ने वोट नहीं डाला.
मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि बात धर्मसंकट की नहीं है, पार्टी लाइन की है. हमने भी पार्टी लाइन के अनुसार ही वोट दिया है, लेकिन यह अच्छी बात है कि कोई आदिवासी देश का राष्ट्रपति बने. मुरारीलाल ने कहा कि आप और हम सबको पता है कि वोट उनके पास ज्यादा है और ज्यादा वोट वाला ही चुनाव जीतेगा. ऐसे में कोई आदिवासी चुनाव जीतता है तो उसका राष्ट्रपति बनना अच्छी बात है.
वहीं, पूर्व मंत्री दयाराम परमार ने भी कहा कि देश में इस बार आदिवासी राष्ट्रपति बनेगा. उसमें कोई रुकावट नहीं है लेकिन जाति को आधार बनाकर वोट नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा को वोट देकर उनका मन भारी नहीं हो रहा, लेकिन राष्ट्रपति तो आदिवासी बनेगा और बन रहीं हैं. हालांकि, मंत्री परसादी लाल मीणा ने जरूर यह दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के सभी 126 वोट यशवंत सिन्हा को मिलेंगे, लेकिन जीत किसकी होगी यह नतीजे आने के बाद ही पता लगेगा.