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जयपुर: सूर्य ग्रहण को लेकर ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज से बातचीत, जनिए क्या कहा... - rajasthan news

21 जून को वलयाकार सूर्य ग्रहण रहा. इस दौरान भारत के कई शहरों में आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह नजर आया. साल का यह पहला सूर्य ग्राहण कितना खास रहा इसको लेकर ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज ने विस्तार से ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. क्या कुछ कहा पढ़िए ये खबर...

जयपुर न्यूज, rajasthan news
सूर्य ग्रहण को लेकर ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज से हुई खास बातचीत
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Published : Jun 21, 2020, 5:29 PM IST

जयपुर. 21 जून यानी रविवार को पूरे भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण लगा जो सुबह 10:15 बजे प्रारंभ हुआ. वहीं, दोपहर 1:44 बजे ग्रहण समाप्त हो गया, साथ ही रविवार का दिन पूरे साल का सबसे लंबा दिन माना गया.

सूर्य ग्रहण को लेकर ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज से हुई खास बातचीत

कंकण चूड़ामणि नाम का ये सूर्य ग्रहण, 900 साल बाद लगा. इससे पहले इस तरह का ग्रहण 21 अगस्त 1933 को लगा था और अब रविवार को ठीक उसी प्रकार का सूर्य ग्रहण लगा. सूर्य ग्रहण पर ज्यादा जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज से बात की जिन्होंने हमें वलयाकार सूर्य ग्रहण के बारें में विस्तार से बताया.

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ये ग्रहण सूर्य, बुद्ध और राहु के साथ में चंद्रमा चतुर्थ ग्रही योग बन रहा है जो आने वाले समय में अर्थव्यव्सथा, आपसी तनाव और मतभेद के बहुत बड़े हो जाने की स्थतियों को दर्शाते हैं. जिसके लिए लोगों को अपने भावनात्मक तनाव पर कंट्रोल करना होगा.

ग्रहण लगने के पीछे की वजह...

उन्होंने कहा कि ग्रहण लगने के पीछे का मुख्य कारण आकाशीय स्थितियां होती हैं. उन्होंने कहा कि 91 प्रतिशत तक चंद्रमा सूर्य को ढक लेगा. इस दौरान सूर्य का प्रकाश 91 प्रतिशत तक कम हो जाएगा. इस तरह का सूर्य ग्रहण एक तरह की खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ेगा.

इन राशियों पर रहेगा सबसे ज्यादा प्रभाव...

इस ग्रहण का मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा.

पढ़ें- जयपुर : कोटपूतली में Corona ने ली एक की जान, सामने आ रही ये बड़ी बात...

क्या सूर्य ग्रहण के बाद खत्म होगा कोरोना...

इस बात को लेकर उन्होंने कहा कि इस बात को कहना इतना आसान नहीं है कि कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि स्थिति ये है कि इस ग्रहण के बाद जो अलगा उपछाया चंद्र ग्रहण आ रहा है, उसके बीच में ये तय होगा कि कोरोना वायरस को और ताकर मिलेगी या धीरे-धीरे 5 जुलाई तक कम होते हुए और इसका पूरा प्रभाव आर्थिक जगत और मानसिक तनाव के रूप में सामने आएगा. इन दोनों स्थितियों में से एक स्थिति 5 जुलाई तक साफ हो जाएगी.

बुजुर्ग लोगों का रखना चाहिए खास ख्याल...

ग्रहण के समय छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के कई स्थानों पर 99 प्रतिशत तक रोशनी कम हो जाएगी. ऐसी स्थिति में रेडिएशन बढ़ जाएगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी प्रभावित हो सकती हैं. सूर्य ग्रहण के समय बुजुर्गों को भी अपने घरों के अंदर रहना चाहिए.

जयपुर. 21 जून यानी रविवार को पूरे भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण लगा जो सुबह 10:15 बजे प्रारंभ हुआ. वहीं, दोपहर 1:44 बजे ग्रहण समाप्त हो गया, साथ ही रविवार का दिन पूरे साल का सबसे लंबा दिन माना गया.

सूर्य ग्रहण को लेकर ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज से हुई खास बातचीत

कंकण चूड़ामणि नाम का ये सूर्य ग्रहण, 900 साल बाद लगा. इससे पहले इस तरह का ग्रहण 21 अगस्त 1933 को लगा था और अब रविवार को ठीक उसी प्रकार का सूर्य ग्रहण लगा. सूर्य ग्रहण पर ज्यादा जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज से बात की जिन्होंने हमें वलयाकार सूर्य ग्रहण के बारें में विस्तार से बताया.

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ये ग्रहण सूर्य, बुद्ध और राहु के साथ में चंद्रमा चतुर्थ ग्रही योग बन रहा है जो आने वाले समय में अर्थव्यव्सथा, आपसी तनाव और मतभेद के बहुत बड़े हो जाने की स्थतियों को दर्शाते हैं. जिसके लिए लोगों को अपने भावनात्मक तनाव पर कंट्रोल करना होगा.

ग्रहण लगने के पीछे की वजह...

उन्होंने कहा कि ग्रहण लगने के पीछे का मुख्य कारण आकाशीय स्थितियां होती हैं. उन्होंने कहा कि 91 प्रतिशत तक चंद्रमा सूर्य को ढक लेगा. इस दौरान सूर्य का प्रकाश 91 प्रतिशत तक कम हो जाएगा. इस तरह का सूर्य ग्रहण एक तरह की खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ेगा.

इन राशियों पर रहेगा सबसे ज्यादा प्रभाव...

इस ग्रहण का मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा.

पढ़ें- जयपुर : कोटपूतली में Corona ने ली एक की जान, सामने आ रही ये बड़ी बात...

क्या सूर्य ग्रहण के बाद खत्म होगा कोरोना...

इस बात को लेकर उन्होंने कहा कि इस बात को कहना इतना आसान नहीं है कि कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि स्थिति ये है कि इस ग्रहण के बाद जो अलगा उपछाया चंद्र ग्रहण आ रहा है, उसके बीच में ये तय होगा कि कोरोना वायरस को और ताकर मिलेगी या धीरे-धीरे 5 जुलाई तक कम होते हुए और इसका पूरा प्रभाव आर्थिक जगत और मानसिक तनाव के रूप में सामने आएगा. इन दोनों स्थितियों में से एक स्थिति 5 जुलाई तक साफ हो जाएगी.

बुजुर्ग लोगों का रखना चाहिए खास ख्याल...

ग्रहण के समय छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के कई स्थानों पर 99 प्रतिशत तक रोशनी कम हो जाएगी. ऐसी स्थिति में रेडिएशन बढ़ जाएगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी प्रभावित हो सकती हैं. सूर्य ग्रहण के समय बुजुर्गों को भी अपने घरों के अंदर रहना चाहिए.

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