जयपुर. कभी एक मां के रूप में, तो कभी एक दोस्त के रूप में. महिला हर रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से कर रही है. यही नहीं महिलाएं आज यातायात संचालन के साथ-साथ अपराध पर लगाम लगाने के लिए भी तैनात रहती हैं. आपने महिलाओं को खाकी वर्दी, काले कोट और सफेद कोट में जरूर देखा होगा. राजधानी जयपुर में कुछ ऐसी महिलाएं हैं जो हाथ में टिकट मशीन लिए शहर की सड़कों पर सरपट दौड़ लगाती लो फ्लोर बसों में देखी जा सकती है. इन बसों में टिकट के लिए हड़बड़ी मचाते यात्रियों के बीच 130 महिला कंडक्टर टिकट काटने का काम कर रही हैं.
राज्य सेवा में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के तहत महिलाओं को जेसीटीएसएल में कंडक्टर के पद पर नियुक्ति दी गई. इन कंडक्टर में हर वर्ग की महिलाएं शामिल हैं. लेकिन, इन महिलाओं के लिए ये नौकरी इतनी आसान नहीं होती. अमूमन लो फ्लोर बसें यात्रियों से खचाखच भरी होती है और कई मार्गों पर सड़कें ही उधड़ी हुई होती हैं. इन सबके बावजूद ये महिलाएं टिकट काटने से लेकर हर स्टॉप पर यात्रियों को उतारने का काम बखूबी करती हैं.
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हालांकि, इन महिला कंडक्टर्स के भी अपने कुछ सपने थे. जिन्हें वो अब भी पूरा करना चाहती है, लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों के बोझ के तले कंडक्टर की नौकरी कर रही हैं. सिर्फ बसों की ही नहीं बल्कि इससे पहले इनकी जिम्मेदारी अपने परिवार के प्रति भी होती है. जिसका निर्वहन करने के लिए इनकी दौड़ भाग अलसुबह ही शुरू हो जाती है. हाल ही में महिला कंडक्टर के बेग से पैसे चोरी, मोबाइल चोरी और छेड़छाड़ जैसी कई घटनाएं भी सामने आईं. इन तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी जयपुर की महिला कंडक्टर्स अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं. महिला दिवस पर ईटीवी भारत राजधानी की इन तमाम महिला कंडक्टर को सैल्यूट करता है.