ETV Bharat / city

मजदूरों की बस को लेकर जारी राजनीति में अबतक क्या-क्या हुआ...आप भी समझ लीजिए - ईटीवी भारत न्यूज

कांग्रेस और भाजपा के बीच हो रही बस पॉलिटिक्स में अब तक प्रवासी मजदूरों को कोई मदद नहीं मिल पाई है, लेकिन इस पर सियासत जारी है. फिलहाल, राजस्थान सरकार की ओर से जो 1000 बसें भेजी गई है, वह अभी भी राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर परमिशन के इंतजार में खड़ी है. पढ़ें पिछले दो दिनों से जारी बस राजनीति का सिलसिलेवार घटनाक्रम...

बस पॉलिटिक्स, Sachin Pilot News, jaipur news
बस पॉलिटिक्स
author img

By

Published : May 19, 2020, 9:21 PM IST

Updated : May 19, 2020, 10:36 PM IST

जयपुर. लॉकडाउन में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बस उपलब्ध कराने को लेकर जारी जद्दोजहद के बीच अब राजनीति हावी हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा बसें चलाने के एलान और इसकी अनुमति को लेकर कांग्रेस और यूपी की योगी सरकार के बीच जारी चिट्ठी की जंग के दौरान राजस्थान के यूपी बॉर्डर पर भी तनाव बढ़ गया. प्रियंका गांधी के निर्देश पर जयपुर से रवाना हुई बसें भरतपुर पहुंचने के बाद बॉर्डर पर अटक गईं. यूपी पुलिस ने जहां अपने एरिया में नाकेबंदी कर दी है. वहीं, जयपुर-आगरा हाईवे पर राजनीति का खेल जारी है.

भरतपुर-आगरा बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने की नाकेबंदी

इस बीच बदलते घटनाक्रम के साथ ही राजनीतिक पारा भी लगातार चढ़ता जा रहा है. इस राजनीति की असल जड़ 1 हजार बसों को लेकर जारी हुई वो सूची है, जो कि सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है. इस सूची को लेकर भाजपा नेताओं का आरोप है कि इसमें अधिकतर नंबर बाइक, ऑटो के हैं. जबकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सौंपी गई सूची में जितने भी नंबर हैं, वे सभी बसों के ही हैं.

पढ़ें-राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ी बसों को यूपी सरकार के परमिशन का इंतजार

इस मामले में राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि सूची में दिए सभी नंबर बसों के ही हैं, वे सभी बसें यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं, चाहें तो उसे चेक करवा सकते हैं. इसी प्रकार चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने भी बयान देते हुए कहा कि सभी बसें यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं, यूपी सरकार जैसे-जैसे अनुमति देती जाएगी बसें रवाना होती रहेंगी. सुभाष गर्ग के इस बयान के बाद शाम होते-होते जब बसों को यूपी में एंट्री नहीं मिली तो यूपी बॉर्डर पर राजनीतिक रूप से तनाव बढ़ गया. इसी प्रकार राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी यूपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. यूपी सरकार अपना झूठ छुपा रही है.

यूपी सरकार की अनुमति का इंतजार

पढ़ें-बस और प्रवासी पॉलिटिक्स पर बोले पायलट, कहा- केंद्र सरकार को राष्ट्रव्यापी नीति बनानी चाहिए

भरतपुर बॉर्डर पर बसों के साथ पहुंचे मंत्रियों की गाड़ियों को यूपी पुलिस ने वापस लौटा दिया तो कांग्रेस कार्यकर्ता बसों की मंजूरी को लेकर हाईवे पर ही घरने पर बैठक गए. उधर, राजस्थान और यूपी पुलिस के साथ ही महकमे के आलाधिकारी भी आमने-सामने हो गए हैं. इस तनातनी के दरमियान राजनीतिक बयानों के तीर भी तरकश से तेजी से निकलने लगे हैं. इस मुद्दे पर राजस्थान सरकार में डिप्टी सीएम सचिन पायलट और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पिछले दो दिन से जारी बस राजनीति के बीच हम आपको जयपुर से भरतपुर पहुंची बसों के बाद बदले हर घटनाक्रम को सिलसिलेवार बता रहे हैं.

  • 17 मई 2020: प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद बसें भेजनी हुई शुरू

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद राजस्थान की तरफ से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए यूपी के लिए बसें भेजनी शुरू की गई. राजस्थान रोडवेज की कई बसें 17 मई को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना की गईं, लेकिन सभी बस चालकों को जिले के बहज गांव में कई घंटों इंतजार करना पड़ा. बॉर्डर पर कई घंटे इंतजार करने के बाद भी बसों को उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसने की अनुमति नहीं मिली.

बसें भेजनी हुई शुरू

पढ़ें- यूपी बॉर्डर पर रुकी राजस्थान रोडवेज की बसें...योगी सरकार की अनुमति का इंतजार

इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों को उनके घर जाना है, उनके लिए कांग्रेस सरकार सराहनीय कार्य कर रही है. उन्होंने यूपी सरकार को लेकर भी कहा कि योगी सरकार को चाहिए कि जो भी पार्टी मदद करना चाहती है या फिर जो भी मजदूर बसों के माध्यम से जा रहे हैं, उन बसों को योगी सरकार को जाने को अनुमति दे देनी चाहिए.

  • 18 मई 2020: बसों को बहज चौकी पर रोक दिया गया...

राजस्थान कांग्रेस कमेटी की ओर से यूपी पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए 18 मई को करीब 150 बसें भेजी गई. सोमवार को भी इन 150 बसों को यूपी में घुसने की अनुमति नहीं मिली. ऐसे में बसों को भरतपुर-डीग की उत्तर प्रदेश सीमावर्ती बहज चौकी में ही रोक दिया गया.

पढ़ें- राजस्थान से मजदूरों को लेकर जा रही बसों को यूपी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं

इसकी सूचना पर सोमवार देर शाम मौके पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और यूपी कांग्रेस के नेताओं ने योगी सरकार से वार्ता की, लेकिन काफी प्रयास के बाद वार्ता विफल रही. बसों को सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने पर वापस भेज दिया गया. सोमवार को ही इससे पहले राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित बहज चौकी पर राज्य मंत्री सुभाष गर्ग और कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह सहित यूपी के मथुरा से पूर्व विधायक प्रदीप माथुर व मथुरा से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी मौके पर पहुंचे लेकिन वार्ता विफल रही थी.

  • 19 मई 2020: राजनीतिक बयानबाजी शुरू

राजस्थान की ओर से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए 1 हजार बसें भेजी जा रही है, जिसमें से 100 बसें भरतपुर से जा रही है. जिले के 3 अलग-अलग बॉर्डर से 1 हजार बसें रवाना होंगी, लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को सड़क पर चलना तो बंद करवाया ही है, साथ ही उन्होंने श्रमिक बसें चलाने का जो निर्णय लिया है वह अपने आप में देश में अपनी छाप छोड़ रहा है. राजस्थान के अलग-अलग जिलों से यह बसें रवाना हो रही है, जिन पर सवार होने के लिए बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर भी पहुंच रहे हैं.

राजस्थान से मजदूरों को लेकर जा रही बसों को यूपी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं

पढ़ें- भरतपुर-आगरा बॉर्डर पर खड़ी हैं 500 बसें...यूपी सरकार की अनुमति का इंतजार

राजधानी जयपुर के कानोता शेल्टर होम में प्रवासी श्रमिक अपने पूरे परिवार के साथ अपने राज्यों के लिए रवाना होने के लिए पहुंचे. हालात यह है कि बड़ी तादाद में महिलाएं और बच्चे भी इसमें शामिल हैं. राजस्थान की ये सभी बसें भरतपुर जिले के आगरा बॉर्डर पर ही खड़ी है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बसों को यूपी में घुसने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है.

वहीं इस तनातनी के दरमियान राजनीतिक बयानों के तीर भी तरकश से तेजी से निकलने लगे हैं. इस मुद्दे पर राजस्थान सरकार में डिप्टी सीएम सचिन पायलट, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

  • यूपी सरकार की ओर से स्पष्ट जबाव नहीं आया हैः मंत्री सुभाष गर्ग

बॉर्डर पर मौजूद चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग से अनुमति नहीं मिलने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि उनकी मंशा क्या है. कांग्रेस पार्टी ने प्राइवेट बसों को बॉर्डर पर खड़ा कर दिया है, जैसे-जैसे अनुमति मिलेगी बसें रवाना होती चली जाएगी. उन्होंने कहा कि लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है.

बस पॉलिटिक्स पर सुभा। गर्ग का बयान

उत्तर प्रदेश की सरकार का कहना है कि राजस्थान से आने वाली सभी बसों को लखनऊ भेजा जाए. उनका कहना है कि सभी खाली बसों को 600 किलोमीटर दूर भेजा जाए और वहां से सभी बसों को अपने अपने प्वाइंट पर रवाना की जाएगी. गर्ग का कहना है कि यूपी सरकार को जहां-जहां बसों की जरूरत है वह प्वाइंट हमें बता दें तो यहां से उन प्वाइंटस पर बसें रवाना कर दी जाएगी. लेकिन यूपी सरकार की तरफ से अभीतक स्पष्ट जवाब नहीं आया है.

  • अपना काला मुंह छुपाने के लिए झूठ बोल रही यूपी सरकारः प्रताप सिंह खाचरियावास

बस पॉलिटिक्स पर राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यूपी सरकार प्रवासियों की वापसी मामले में फेल हो चुकी है और उनकी असलियत खुलकर सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि अपना काला मुंह छुपाने के लिए यूपी सरकार झूठ बोल रही है.

बस पॉलिटिक्स पर खाचरियावास का बयान

प्रताप सिंह ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रवासियों की वापसी मामले में फेल हो चुकी है और उनकी असलियत खुलकर सामने आ गई है. उनके अनुसार जब कांग्रेसी नेत्री प्रियंका गांधी ने बसें लगाई तब यूपी सरकार ने उससे इनकार कर दिया. अब यूपी सरकार कहती है कि यह बस यह हमें सरेंडर कर दो.

पढ़ें- राजस्थान सरकार ने चलाई श्रमिक बसें, बड़ी तादाद में रवाना हुए यूपी और एमपी के मजदूर

खाचरियावास से कहा कि यूपी बॉर्डर पर तैनात कुछ बसें रोडवेज की है तो कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकत्रित की है. उनका कहना है कि ऐसे में करीब 1000 बसें वहां पर खड़ी है, लेकिन निजी बसों का रजिस्ट्रेशन नहीं सौंपा जा सकता. ऐसे में यूपी सरकार को चाहिए कि हमें अनुमति दें ताकि प्रवासियों को लाया और ले जाया जा सके.

उत्तर प्रदेश सरकार झूठ बोलती है- खाचरियावास

इस बीच जब परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से पूछा गया कि यूपी सरकार का आरोप है कि जो बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर वहां सौंपे गए हैं, वह थ्री व्हीलर, ऑटो और टू व्हीलर गाड़ियों के हैं, ऐसे में प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यूपी की सरकार झूठ बोलती है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, सभी 1000 बसों के नंबर हैं और इसमें कोई थ्री व्हीलर या टू व्हीलर नहीं है.

  • नुक्ता चीनी करना बंद करे UP सरकार, सारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैंः पायलट

यूपी सरकार और प्रियंका गांधी के बीच चल रही बस पॉलिटिक्स के बीच राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का एक बड़ा बयान आया. बस के रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर यूपी सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों को पायलट ने न केवल सिरे से खारिज किया, बल्कि सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मियों को ही अलवर-भरतपुर बॉर्डर पर जाकर बस और उनके नंबर चेक करने की नसीहत तक दे डाली.

बस पॉलिटिक्स पर पायलट का बयान

सचिन पायलट ने यूपी सरकार के लिए कहा कि बीजेपी और यूपी सरकार नुक्ता चीनी करना बंद कर दें. क्योंकि सारी बसें अभी बॉर्डर पर खड़ी हैं और 2 दिन हो गए हैं. पायलट के अनुसार हम जरूरत के अनुसार हरियाणा-पंजाब और उत्तर प्रदेश में प्रवासियों को बसों के द्वारा भेज रहे हैं. लेकिन कुछ प्रदेशों की सरकारें ही जान बूझकर अनुमति न दें और उस पर भी हम नेताओं पर ही उंगली उठाएं तो यह सब कुछ समझ के परे है.

पायलट ने मीडिया को भी दे डाली यह नसीहत

इस बीच जब मीडिया ने पायलट से यूपी सरकार के कांग्रेस नेताओं द्वारा दिये गए बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहन होने के आरोपों पर सवाल पूछा तो पायलट ने कहा कि आप लोग सब जानते हैं. आप भरतपुर और अलवर बॉर्डर पर जाकर खुद ही चेक कर लीजिए. पायलट ने कहा सवाल यह नहीं है कि बस 990 है या 1010, बल्कि सवाल अनुमति देने का है. ताकि प्रवासियों को लाने ले जाने का काम यथावत चलता रहे. पायलट ने कहा यूपी सरकार अब कहती है कि लखनऊ में आकर रजिस्ट्रेशन करवाओ. केवल घुमाने का काम किया जा रहा है, जिसे जनता कभी नहीं भूलेगी.

जयपुर. लॉकडाउन में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बस उपलब्ध कराने को लेकर जारी जद्दोजहद के बीच अब राजनीति हावी हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा बसें चलाने के एलान और इसकी अनुमति को लेकर कांग्रेस और यूपी की योगी सरकार के बीच जारी चिट्ठी की जंग के दौरान राजस्थान के यूपी बॉर्डर पर भी तनाव बढ़ गया. प्रियंका गांधी के निर्देश पर जयपुर से रवाना हुई बसें भरतपुर पहुंचने के बाद बॉर्डर पर अटक गईं. यूपी पुलिस ने जहां अपने एरिया में नाकेबंदी कर दी है. वहीं, जयपुर-आगरा हाईवे पर राजनीति का खेल जारी है.

भरतपुर-आगरा बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने की नाकेबंदी

इस बीच बदलते घटनाक्रम के साथ ही राजनीतिक पारा भी लगातार चढ़ता जा रहा है. इस राजनीति की असल जड़ 1 हजार बसों को लेकर जारी हुई वो सूची है, जो कि सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है. इस सूची को लेकर भाजपा नेताओं का आरोप है कि इसमें अधिकतर नंबर बाइक, ऑटो के हैं. जबकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सौंपी गई सूची में जितने भी नंबर हैं, वे सभी बसों के ही हैं.

पढ़ें-राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ी बसों को यूपी सरकार के परमिशन का इंतजार

इस मामले में राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि सूची में दिए सभी नंबर बसों के ही हैं, वे सभी बसें यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं, चाहें तो उसे चेक करवा सकते हैं. इसी प्रकार चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने भी बयान देते हुए कहा कि सभी बसें यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं, यूपी सरकार जैसे-जैसे अनुमति देती जाएगी बसें रवाना होती रहेंगी. सुभाष गर्ग के इस बयान के बाद शाम होते-होते जब बसों को यूपी में एंट्री नहीं मिली तो यूपी बॉर्डर पर राजनीतिक रूप से तनाव बढ़ गया. इसी प्रकार राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी यूपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. यूपी सरकार अपना झूठ छुपा रही है.

यूपी सरकार की अनुमति का इंतजार

पढ़ें-बस और प्रवासी पॉलिटिक्स पर बोले पायलट, कहा- केंद्र सरकार को राष्ट्रव्यापी नीति बनानी चाहिए

भरतपुर बॉर्डर पर बसों के साथ पहुंचे मंत्रियों की गाड़ियों को यूपी पुलिस ने वापस लौटा दिया तो कांग्रेस कार्यकर्ता बसों की मंजूरी को लेकर हाईवे पर ही घरने पर बैठक गए. उधर, राजस्थान और यूपी पुलिस के साथ ही महकमे के आलाधिकारी भी आमने-सामने हो गए हैं. इस तनातनी के दरमियान राजनीतिक बयानों के तीर भी तरकश से तेजी से निकलने लगे हैं. इस मुद्दे पर राजस्थान सरकार में डिप्टी सीएम सचिन पायलट और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पिछले दो दिन से जारी बस राजनीति के बीच हम आपको जयपुर से भरतपुर पहुंची बसों के बाद बदले हर घटनाक्रम को सिलसिलेवार बता रहे हैं.

  • 17 मई 2020: प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद बसें भेजनी हुई शुरू

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद राजस्थान की तरफ से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए यूपी के लिए बसें भेजनी शुरू की गई. राजस्थान रोडवेज की कई बसें 17 मई को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना की गईं, लेकिन सभी बस चालकों को जिले के बहज गांव में कई घंटों इंतजार करना पड़ा. बॉर्डर पर कई घंटे इंतजार करने के बाद भी बसों को उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसने की अनुमति नहीं मिली.

बसें भेजनी हुई शुरू

पढ़ें- यूपी बॉर्डर पर रुकी राजस्थान रोडवेज की बसें...योगी सरकार की अनुमति का इंतजार

इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों को उनके घर जाना है, उनके लिए कांग्रेस सरकार सराहनीय कार्य कर रही है. उन्होंने यूपी सरकार को लेकर भी कहा कि योगी सरकार को चाहिए कि जो भी पार्टी मदद करना चाहती है या फिर जो भी मजदूर बसों के माध्यम से जा रहे हैं, उन बसों को योगी सरकार को जाने को अनुमति दे देनी चाहिए.

  • 18 मई 2020: बसों को बहज चौकी पर रोक दिया गया...

राजस्थान कांग्रेस कमेटी की ओर से यूपी पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए 18 मई को करीब 150 बसें भेजी गई. सोमवार को भी इन 150 बसों को यूपी में घुसने की अनुमति नहीं मिली. ऐसे में बसों को भरतपुर-डीग की उत्तर प्रदेश सीमावर्ती बहज चौकी में ही रोक दिया गया.

पढ़ें- राजस्थान से मजदूरों को लेकर जा रही बसों को यूपी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं

इसकी सूचना पर सोमवार देर शाम मौके पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और यूपी कांग्रेस के नेताओं ने योगी सरकार से वार्ता की, लेकिन काफी प्रयास के बाद वार्ता विफल रही. बसों को सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने पर वापस भेज दिया गया. सोमवार को ही इससे पहले राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित बहज चौकी पर राज्य मंत्री सुभाष गर्ग और कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह सहित यूपी के मथुरा से पूर्व विधायक प्रदीप माथुर व मथुरा से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी मौके पर पहुंचे लेकिन वार्ता विफल रही थी.

  • 19 मई 2020: राजनीतिक बयानबाजी शुरू

राजस्थान की ओर से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए 1 हजार बसें भेजी जा रही है, जिसमें से 100 बसें भरतपुर से जा रही है. जिले के 3 अलग-अलग बॉर्डर से 1 हजार बसें रवाना होंगी, लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को सड़क पर चलना तो बंद करवाया ही है, साथ ही उन्होंने श्रमिक बसें चलाने का जो निर्णय लिया है वह अपने आप में देश में अपनी छाप छोड़ रहा है. राजस्थान के अलग-अलग जिलों से यह बसें रवाना हो रही है, जिन पर सवार होने के लिए बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर भी पहुंच रहे हैं.

राजस्थान से मजदूरों को लेकर जा रही बसों को यूपी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं

पढ़ें- भरतपुर-आगरा बॉर्डर पर खड़ी हैं 500 बसें...यूपी सरकार की अनुमति का इंतजार

राजधानी जयपुर के कानोता शेल्टर होम में प्रवासी श्रमिक अपने पूरे परिवार के साथ अपने राज्यों के लिए रवाना होने के लिए पहुंचे. हालात यह है कि बड़ी तादाद में महिलाएं और बच्चे भी इसमें शामिल हैं. राजस्थान की ये सभी बसें भरतपुर जिले के आगरा बॉर्डर पर ही खड़ी है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बसों को यूपी में घुसने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है.

वहीं इस तनातनी के दरमियान राजनीतिक बयानों के तीर भी तरकश से तेजी से निकलने लगे हैं. इस मुद्दे पर राजस्थान सरकार में डिप्टी सीएम सचिन पायलट, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

  • यूपी सरकार की ओर से स्पष्ट जबाव नहीं आया हैः मंत्री सुभाष गर्ग

बॉर्डर पर मौजूद चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग से अनुमति नहीं मिलने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि उनकी मंशा क्या है. कांग्रेस पार्टी ने प्राइवेट बसों को बॉर्डर पर खड़ा कर दिया है, जैसे-जैसे अनुमति मिलेगी बसें रवाना होती चली जाएगी. उन्होंने कहा कि लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है.

बस पॉलिटिक्स पर सुभा। गर्ग का बयान

उत्तर प्रदेश की सरकार का कहना है कि राजस्थान से आने वाली सभी बसों को लखनऊ भेजा जाए. उनका कहना है कि सभी खाली बसों को 600 किलोमीटर दूर भेजा जाए और वहां से सभी बसों को अपने अपने प्वाइंट पर रवाना की जाएगी. गर्ग का कहना है कि यूपी सरकार को जहां-जहां बसों की जरूरत है वह प्वाइंट हमें बता दें तो यहां से उन प्वाइंटस पर बसें रवाना कर दी जाएगी. लेकिन यूपी सरकार की तरफ से अभीतक स्पष्ट जवाब नहीं आया है.

  • अपना काला मुंह छुपाने के लिए झूठ बोल रही यूपी सरकारः प्रताप सिंह खाचरियावास

बस पॉलिटिक्स पर राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यूपी सरकार प्रवासियों की वापसी मामले में फेल हो चुकी है और उनकी असलियत खुलकर सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि अपना काला मुंह छुपाने के लिए यूपी सरकार झूठ बोल रही है.

बस पॉलिटिक्स पर खाचरियावास का बयान

प्रताप सिंह ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रवासियों की वापसी मामले में फेल हो चुकी है और उनकी असलियत खुलकर सामने आ गई है. उनके अनुसार जब कांग्रेसी नेत्री प्रियंका गांधी ने बसें लगाई तब यूपी सरकार ने उससे इनकार कर दिया. अब यूपी सरकार कहती है कि यह बस यह हमें सरेंडर कर दो.

पढ़ें- राजस्थान सरकार ने चलाई श्रमिक बसें, बड़ी तादाद में रवाना हुए यूपी और एमपी के मजदूर

खाचरियावास से कहा कि यूपी बॉर्डर पर तैनात कुछ बसें रोडवेज की है तो कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकत्रित की है. उनका कहना है कि ऐसे में करीब 1000 बसें वहां पर खड़ी है, लेकिन निजी बसों का रजिस्ट्रेशन नहीं सौंपा जा सकता. ऐसे में यूपी सरकार को चाहिए कि हमें अनुमति दें ताकि प्रवासियों को लाया और ले जाया जा सके.

उत्तर प्रदेश सरकार झूठ बोलती है- खाचरियावास

इस बीच जब परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से पूछा गया कि यूपी सरकार का आरोप है कि जो बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर वहां सौंपे गए हैं, वह थ्री व्हीलर, ऑटो और टू व्हीलर गाड़ियों के हैं, ऐसे में प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यूपी की सरकार झूठ बोलती है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, सभी 1000 बसों के नंबर हैं और इसमें कोई थ्री व्हीलर या टू व्हीलर नहीं है.

  • नुक्ता चीनी करना बंद करे UP सरकार, सारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैंः पायलट

यूपी सरकार और प्रियंका गांधी के बीच चल रही बस पॉलिटिक्स के बीच राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का एक बड़ा बयान आया. बस के रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर यूपी सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों को पायलट ने न केवल सिरे से खारिज किया, बल्कि सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मियों को ही अलवर-भरतपुर बॉर्डर पर जाकर बस और उनके नंबर चेक करने की नसीहत तक दे डाली.

बस पॉलिटिक्स पर पायलट का बयान

सचिन पायलट ने यूपी सरकार के लिए कहा कि बीजेपी और यूपी सरकार नुक्ता चीनी करना बंद कर दें. क्योंकि सारी बसें अभी बॉर्डर पर खड़ी हैं और 2 दिन हो गए हैं. पायलट के अनुसार हम जरूरत के अनुसार हरियाणा-पंजाब और उत्तर प्रदेश में प्रवासियों को बसों के द्वारा भेज रहे हैं. लेकिन कुछ प्रदेशों की सरकारें ही जान बूझकर अनुमति न दें और उस पर भी हम नेताओं पर ही उंगली उठाएं तो यह सब कुछ समझ के परे है.

पायलट ने मीडिया को भी दे डाली यह नसीहत

इस बीच जब मीडिया ने पायलट से यूपी सरकार के कांग्रेस नेताओं द्वारा दिये गए बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहन होने के आरोपों पर सवाल पूछा तो पायलट ने कहा कि आप लोग सब जानते हैं. आप भरतपुर और अलवर बॉर्डर पर जाकर खुद ही चेक कर लीजिए. पायलट ने कहा सवाल यह नहीं है कि बस 990 है या 1010, बल्कि सवाल अनुमति देने का है. ताकि प्रवासियों को लाने ले जाने का काम यथावत चलता रहे. पायलट ने कहा यूपी सरकार अब कहती है कि लखनऊ में आकर रजिस्ट्रेशन करवाओ. केवल घुमाने का काम किया जा रहा है, जिसे जनता कभी नहीं भूलेगी.

Last Updated : May 19, 2020, 10:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.