जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है. लोग अपने-अपने घरों मे बंद हैं, काम धंधा ठप है. जरूरतमंद लोगों की सहायता करने की सरकार और प्रशासन भी हर संभव कोशिश कर रही है. लेकिन लॉकडाउन के कारण ठेले-खोमचे तक बंद हो जाने की वजह से बेजुबान जानवरों को भी समस्या हो गई है. ऐसे में पशु प्रेमी बेजुबानों की मदद के लिए आगे आए हैं.
राजधानी जयपुर के एक ऐसे ही एक शख्स हैं बनीपार्क निवासी महेश अमरनानी, जो राजधानी के शास्त्री नगर इलाके से लेकर विद्याधर नगर इलाके तक बेजुबान जानवरों को लॉकडाउन पीरियड के दौरान खाना मुहैया करवा रहे हैं. इस नेक कार्य में महेश के कुछ साथी भी उनका हाथ बंटा रहे हैं. महेश डॉग लवर हैं, जिसके कारण उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बेजुबान जानवरों को खाना खिलाने का संकल्प लिया और निस्वार्थ भाव से उस संकल्प को निरंतर जारी रखे हुए हैं.
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बेजुबान जानवरों के लिए खुद तैयार करते हैं भोजन
महेश अमरनानी किस तरह से बेजुबान जानवरों के लिए खाना तैयार करते हैं और फिर उसे पैक करके विभिन्न जानवरों को फीड करते हैं, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम महेश के बनीपार्क स्थित आवास पर पहुंची. बता दें कि महेश अपने कुछ अन्य साथियों की सहायता से बेजुबान जानवरों के लिए बड़ी भट्टी पर खाना तैयार करते हैं और फिर उन्हें अलग-अलग बर्तनों में पैक करके अपनी ही कार में रखकर बेजुबान जानवरों को खिलाने के लिए निकल पड़ते हैं.
रेस्टोरेंट्स खोलने जयपुर आए और बेजुबान जानवरों के लिए बनाने लगे खाना
महेश अमरनानी एक आर्टिस्ट है, जिन्होंने विभिन्न टीवी सीरियल और फीचर फिल्म में काम किया है. महेश हाल ही में अपने गृह नगर जयपुर में एक रेस्टोरेंट की शुरुआत करने के लिए जयपुर पहुंचे. लेकिन इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया.
बता दें कि जयपुर में महेश के रेस्टोरेंट का पूरा सेटअप हो चुका था, लेकिन लॉकडाउन के कारण रेस्टोरेंट की शुरूआत नहीं हो सकी. इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन पीरियड के दौरान बेजुबान जानवरों का भी ख्याल रखने का संदेश दिया तो महेश के मन में बेजुबान जानवरों को खाना पहुंचाने की एक पहल जगी. इसके बाद महेश ने प्रशासन से बेजुबान जानवरों को खाना खिलाने की परमिशन ली और फिर बेजुबान जानवरों के लिए खुद ही खाना बनाना शुरू कर दिया.
खुद बनाते हैं बेजुबान जानवरों के लिए खाना
पशुप्रेमी महेश ने बताया, कि वह सुबह 6 बजे उठने के बाद सबसे पहले बेजुबान जानवरों के लिए खाना बनाने का काम करते हैं. इसके साथ ही गाय और अन्य जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था भी करते हैं. उसके बाद महेश अपनी गाड़ी में खाना, चारा और अन्य सामान लेकर शास्त्री नगर से लेकर विद्याधर नगर क्षेत्र तक बेजुबान जानवरों को खाना खिलाते हैं.
रोजाना 200 जानवरों को देते हैं चारा
महेश ने बताया कि इसी तरह से दोपहर 2 बजे के बाद से ही बेजुबान जानवरों के शाम के खाने की तैयारी में वे जुट जाते हैं. जिसमें उनके मित्र भी उनका सहयोग करते हैं. उन्होंने बताया कि वह रोजाना 150 से 200 बेजुबान जानवरों को चारा, खाना और पानी देते हैं. जैसे ही महेश की गाड़ी खाना लेकर विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचती है तो बेजुबान जानवर उनकी गाड़ी को घेर लेते हैं और उनके प्रति अपनी खुशी व आभार प्रकट करते हैं.
पशुप्रेमी महेश भी बड़ी आत्मीयता के साथ बेजुबान जानवरों को खाना परोसते हैं और महेश के इस नेक काम की तारीफ स्थानीय लोगों कीओर से भी की जाती है. ईटीवी भारत भी महेश की इस नेक पहल को सलाम करता है.