ETV Bharat / city

जन्माष्टमी विशेष: 303 साल में पहली बार अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर पाएंगे जयपुरवासी

गोविंद देवजी मंदिर जहां जयपुर आने वाला हर एक पर्यटक और हजारों श्रद्धालु हर दिन यहां हाजिरी लगाया करते थे. लेकिन बीते 4 महीने से ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट बंद हैं. बल्कि इस बार भक्त जन्माष्टमी के महापर्व पर भी अपने भगवान के दर्शन को तरसेंगे.

etv bharat hindi news, Janmashtami 2020
इस बार फीकी जन्माष्टमी...
author img

By

Published : Aug 11, 2020, 7:17 AM IST

Updated : Aug 11, 2020, 7:30 AM IST

जयपुर. नंद के घर आनंद भयो, जय यशोदा लाल की...हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की. हर साल छोटीकाशी जयपुर में जन्माष्टमी पर यह स्वर सुनाई दिया करते थे. भगवान श्री कृष्ण की लीला और भक्ति रस से छोटीकाशी सराबोर हुआ करती थी. आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ा करता था.

सभी आठ झांकियों में अद्भुत परिधानों के साथ आकर्षक झांकियां श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती थी. इस बार भी उसी तरह की सजावट, उसी तरह की झांकियां सज तो रही है, लेकिन भक्त और भगवान के बीच कोरोना की दीवार खड़ी है. इस दीवार के उस पार भगवान का साज श्रृंगार मंदिर प्रशासन के द्वारा किया जाएगा और दीवार के इस पार श्रद्धालु भगवान के दर्शन ऑनलाइन ही कर पाएंगे.

इस बार फीकी जन्माष्टमी...

नंदलाल के आगमन की खुशी में शहर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर परिसर में नंदगांव सा माहौल है. पूरे मंदिर परिसर को पताका और बंदरवाल से सजाया गया है. वहीं शहर के मुख्य रास्तों में भी बधाई के बैनर लगाए गए हैं. लेकिन इस बार सब जुदा-जुदा सा है. कोरोना का खौफ इस कदर है कि एक भी भक्त को मंदिर में प्रवेश नहीं है.

जहां जन्माष्टमी पर वीवीआईपी पास की व्यवस्था से प्रवेश मिलता था. वहां अब प्रशासन की अनुमति से भी प्रवेश नहीं मिलेगा. ऐसे में इस बार सादगी से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनेगा. 12 अगस्त को साधारण रूप से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इससे पहले सुबह मंगला झांकी के बाद ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा. उसके बाद श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र धारण करवाए जाएंगे. वहीं फूलों से विशेष श्रृंगार किया जाएगा. मध्यरात्रि में जन्माभिषेक होगा. हालांकि दर्शनार्थियों के लिए पट मंगल रहेंगे और ऑनलाइन ही दर्शन कर सकेंगे.

पढ़ेंः जयपुर: कोरोना काल में फीकी पड़ी जन्माष्टमी, 303 साल बाद नहीं निकलेगी शोभायात्रा

गोविंद के नगरवासी इस बार अपने आराध्य ठाकुरजी के जन्म का उत्सव उनके दरबार में नहीं मना पाएंगे. 12 अगस्त को जन्माष्टमी है और 13 अगस्त का नंदोत्सव लेकिन नंदगोपाल के इन दोनों ही उत्सवों में गोविंद के भक्तों का कोरोना महामारी के चलते प्रवेश निषेध रहेगा. कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन निरंतर हर साल सुबह मंगला से रात शयन और उसके बाद जन्माभिषेक, फिर दूसरे दिन की मंगला आरती तक गोविंद के दरबार में लाखों भक्तों का रेला उमड़ता रहा है.

etv bharat hindi news, Janmashtami 2020
मंदिर के भीतर पसरा सन्नाटा..

ऐसा लगता है कि मानों पूरी छोटी काशी जयपुर शहर ही आने आराध्य की एक झलक पाकर निहाल होना चाह रहा है. लेकिन इस बार 303 साल बाद पहली बार ऐसा होगा, जब गोविंद की नगरी में जन्मोत्सव तो मनेगा लेकिन उसकी झांकी भक्त नहीं देख पाएंगे. वहां मौजूद रहकर. इसको लेकर सालों से आराध्य के दरबार में आने वालें भक्तों को इस बार इसका मलाल है.

आराध्य देव की कृपा से अपना गुजर बसर करने वाले दुकानदार भी कोरोना को कोस रह रहे है. जहां जन्माष्टमी पर पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती थी. वहां अब इक्का-दुक्का ही भक्त भगवान की पोशाक और अन्य सामग्री खरीद रहा है. मंदिर परिसर के बाहर दुकान लगाने वाले का कहना है कि पहले जहां 100 फीसदी व्यापार होता था. वहां अब मुश्किल से 10 फीसदी ही बचा है. क्योंकि उनकी दुकान पूरी मंदिर में आने वाले भक्तों पर ही निर्भर है.

पढ़ेंः जन्माष्टमी विशेषः श्री कृष्ण सिखाते है जीवन जीने का सही मार्ग

ऐसे में मंदिर के द्वार बंद है तो उस हिसाब से अभी मार्किट बिल्कुल सुस्त है. जन्माष्टमी पर भी भक्तों को पता भी नहीं है कि दुकानें भी खुली है. जिनको जानकारी है मंदिर के बाहर दुकानें खुली है वो ही मास्क लगाकर कोरोना के खौफ के बीच में आ रहे है. लेकिन हकीकत में इस बार जन्माष्टमी पर बाजार पूरा सूना है. हालांकि कोरोना के चलते नया माल नहीं आया है. ऐसे में दुकानदार पुराने माल को ही नई पैकिंग करके बेच रहे है.

etv bharat hindi news, Janmashtami 2020
पूजा का सामान खरीदती महिला...

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पर्व के रूप में बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है. लेकिन इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. पिछले कुछ महीनों से कोरोना के कारण त्योहारों को लोगों ने अपने अंदाज में मनाया ही नहीं. वहीं, अब जो आने वाले त्योहार है, उन पर भी कोरोना का संकट मंडराने लगा है.

जयपुर. नंद के घर आनंद भयो, जय यशोदा लाल की...हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की. हर साल छोटीकाशी जयपुर में जन्माष्टमी पर यह स्वर सुनाई दिया करते थे. भगवान श्री कृष्ण की लीला और भक्ति रस से छोटीकाशी सराबोर हुआ करती थी. आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ा करता था.

सभी आठ झांकियों में अद्भुत परिधानों के साथ आकर्षक झांकियां श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती थी. इस बार भी उसी तरह की सजावट, उसी तरह की झांकियां सज तो रही है, लेकिन भक्त और भगवान के बीच कोरोना की दीवार खड़ी है. इस दीवार के उस पार भगवान का साज श्रृंगार मंदिर प्रशासन के द्वारा किया जाएगा और दीवार के इस पार श्रद्धालु भगवान के दर्शन ऑनलाइन ही कर पाएंगे.

इस बार फीकी जन्माष्टमी...

नंदलाल के आगमन की खुशी में शहर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर परिसर में नंदगांव सा माहौल है. पूरे मंदिर परिसर को पताका और बंदरवाल से सजाया गया है. वहीं शहर के मुख्य रास्तों में भी बधाई के बैनर लगाए गए हैं. लेकिन इस बार सब जुदा-जुदा सा है. कोरोना का खौफ इस कदर है कि एक भी भक्त को मंदिर में प्रवेश नहीं है.

जहां जन्माष्टमी पर वीवीआईपी पास की व्यवस्था से प्रवेश मिलता था. वहां अब प्रशासन की अनुमति से भी प्रवेश नहीं मिलेगा. ऐसे में इस बार सादगी से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनेगा. 12 अगस्त को साधारण रूप से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इससे पहले सुबह मंगला झांकी के बाद ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा. उसके बाद श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र धारण करवाए जाएंगे. वहीं फूलों से विशेष श्रृंगार किया जाएगा. मध्यरात्रि में जन्माभिषेक होगा. हालांकि दर्शनार्थियों के लिए पट मंगल रहेंगे और ऑनलाइन ही दर्शन कर सकेंगे.

पढ़ेंः जयपुर: कोरोना काल में फीकी पड़ी जन्माष्टमी, 303 साल बाद नहीं निकलेगी शोभायात्रा

गोविंद के नगरवासी इस बार अपने आराध्य ठाकुरजी के जन्म का उत्सव उनके दरबार में नहीं मना पाएंगे. 12 अगस्त को जन्माष्टमी है और 13 अगस्त का नंदोत्सव लेकिन नंदगोपाल के इन दोनों ही उत्सवों में गोविंद के भक्तों का कोरोना महामारी के चलते प्रवेश निषेध रहेगा. कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन निरंतर हर साल सुबह मंगला से रात शयन और उसके बाद जन्माभिषेक, फिर दूसरे दिन की मंगला आरती तक गोविंद के दरबार में लाखों भक्तों का रेला उमड़ता रहा है.

etv bharat hindi news, Janmashtami 2020
मंदिर के भीतर पसरा सन्नाटा..

ऐसा लगता है कि मानों पूरी छोटी काशी जयपुर शहर ही आने आराध्य की एक झलक पाकर निहाल होना चाह रहा है. लेकिन इस बार 303 साल बाद पहली बार ऐसा होगा, जब गोविंद की नगरी में जन्मोत्सव तो मनेगा लेकिन उसकी झांकी भक्त नहीं देख पाएंगे. वहां मौजूद रहकर. इसको लेकर सालों से आराध्य के दरबार में आने वालें भक्तों को इस बार इसका मलाल है.

आराध्य देव की कृपा से अपना गुजर बसर करने वाले दुकानदार भी कोरोना को कोस रह रहे है. जहां जन्माष्टमी पर पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती थी. वहां अब इक्का-दुक्का ही भक्त भगवान की पोशाक और अन्य सामग्री खरीद रहा है. मंदिर परिसर के बाहर दुकान लगाने वाले का कहना है कि पहले जहां 100 फीसदी व्यापार होता था. वहां अब मुश्किल से 10 फीसदी ही बचा है. क्योंकि उनकी दुकान पूरी मंदिर में आने वाले भक्तों पर ही निर्भर है.

पढ़ेंः जन्माष्टमी विशेषः श्री कृष्ण सिखाते है जीवन जीने का सही मार्ग

ऐसे में मंदिर के द्वार बंद है तो उस हिसाब से अभी मार्किट बिल्कुल सुस्त है. जन्माष्टमी पर भी भक्तों को पता भी नहीं है कि दुकानें भी खुली है. जिनको जानकारी है मंदिर के बाहर दुकानें खुली है वो ही मास्क लगाकर कोरोना के खौफ के बीच में आ रहे है. लेकिन हकीकत में इस बार जन्माष्टमी पर बाजार पूरा सूना है. हालांकि कोरोना के चलते नया माल नहीं आया है. ऐसे में दुकानदार पुराने माल को ही नई पैकिंग करके बेच रहे है.

etv bharat hindi news, Janmashtami 2020
पूजा का सामान खरीदती महिला...

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पर्व के रूप में बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है. लेकिन इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. पिछले कुछ महीनों से कोरोना के कारण त्योहारों को लोगों ने अपने अंदाज में मनाया ही नहीं. वहीं, अब जो आने वाले त्योहार है, उन पर भी कोरोना का संकट मंडराने लगा है.

Last Updated : Aug 11, 2020, 7:30 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.