जयपुर. राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा एक लाख से अधिक हो चुका है और हर दिन बड़ी संख्या में नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में राजधानी जयपुर में इन संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड-19 सेंटर्स में तब्दील किया गया है, लेकिन बढ़ते मरीजों के सामने इन अस्पतालों में भी संसाधन कम पड़ रहे हैं.
बता दें कि पहले RUHS अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड-19 सेंटर में बदला गया था, लेकिन मरीजों के बढ़ते दबाव के बाद सरकार ने जयपुर के कुछ निजी बड़े अस्पतालों को भी डेडिकेट कोविड-19 सेंटर में तब्दील किया. मौजूदा हालात की बात करें तो RUHS अस्पताल में पहले से ही बेड फुल हैं.
वहीं, अब निजी अस्पताल की भी हालत गंभीर है. जयपुर के कोविड-19 सेंटर में ना तो मरीजों को सामान्य बेड उपलब्ध हो पा रहे हैं और ना ही ऑक्सीजन युक्त बेड मिल पा रहे हैं.
जयपुर में कोरोना के एक तरफ मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं, अब निजी अस्पतालों ने भी मरीजों को भर्ती करने में असमर्थता जता दी है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है. हालांकि, राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को वैकल्पिक रास्ता निकालने के निर्देश भी दिए हैं.
जयपुरिया अस्पताल को बनाया गया कोविड-19 सेंटर...
अस्पतालों में सामान्य बेड भरने और ICU बेड उपलब्ध नहीं होने के बाद राज्य सरकार ने आदेश निकालते हुए जयपुरिया अस्पताल को डेडिकेट कोविड-19 सेंटर के रूप में शुरू कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि यहां 500 बेड मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे और धीरे-धीरे इस अस्पताल में ICU बेड और वेंटिलेटर बेड की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है.
जयपुर की स्थिति...
राजधानी जयपुर में बीते कुछ समय से कोरोना की स्थिति भयावह नजर आ रही है. बीते कुछ समय से औसत 300 से अधिक मरीज हर दिन जयपुर में देखने को मिल रहे हैं.
जयपुर में अब तक कुल 14 हजार 758 कुल मरीज सामने आ चुके हैं. दूसरी तरफ प्रदेश में सबसे अधिक 299 कोरोना मरीजों की मौत भी अकेले जयपुर जिले में दर्ज की गई है.
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अस्पतालों में बेड की अनुपलब्धता को लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि फिलहाल, जयपुरिया अस्पताल को एक बार फिर से कोविड-19 सेंटर में तब्दील किया गया है. इसके अलावा जल्द ही अन्य अस्पतालों को भी सरकार अपने अधिग्रहण में ले सकती है.
बताया जा रहा है कि ईएसआई अस्पताल को हाल ही में डेडिकेट कोविड-19 सेंटर में तब्दील करने की तैयारी जिला प्रशासन कर रहा है और जल्द ही सरकार रेलवे अस्पताल को भी अधिग्रहित कर सकती है.