जयपुर. भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए अब पंचायत राज चुनाव सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन पूनिया को लगता है भाजपा अब केवल शहरी पार्टी नहीं रही, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी वह एक मास बेस पार्टी है. वहीं सतीश पूनिया ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत में संगठन और अपनी नई टीम को लेकर कई सवालों का बेबाक जवाब दिया.
राजनीतिक सुचिता बनी रहे
पूनिया का मानना हैं कि किसी भी राजनीतिक दल में 24 कैरेट शुद्धता मिलना मुश्किल है, लेकिन प्रयास करेंगे की राजनीतिक सुचिता बनी रहे. वहीं पार्टी में अपने विरोधी और अनुशासन तोड़ने वालों को भी पूनिया ने साफ तौर पर चेता दिया है कि कोई भी पार्टी बहुत धर्मशाला ना समझे कि आए और चले गए अब अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी.
24 कैरेट शुद्धता मिलना मुश्किल
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सतीश पूनिया ने स्पष्ट रूप से कहा किसी भी राजनीतिक दल में सोने की तरह 24 कैरेट शुद्धता मिलना मुश्किल है, क्योंकि जब सोने में ही शुद्धता नहीं मिलती तो राजनीतिक दल में इसकी शत-प्रतिशत उम्मीद करना गलत होगा, उन्होंने कहा उनका प्रयास राजनीति में सुचिता रखना होगा.
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अनुशासन का उल्लंघन नहीं होगा बर्दाश्त
पूनिया के अनुसार पार्टी में अब अनुशासन और मर्यादाओं का उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं होगा. फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा. पूनिया ने साफ तौर पर कहा कि बीजेपी को कोई धर्मशाला भी ना समझे कि आ जाए कल चले गए, जो मर्यादा है तोड़ेगा उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मेरे पास है और उसका इस्तेमाल भी किया जाएगा.
आगामी पंचायत राज चुनाव बड़ी चुनौती
आगामी पंचायत राज चुनाव को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एक बड़ी चुनौती मानते हैं, लेकिन उनका कहना है कि अनुशासित भाजपा कार्यकर्ताओं की टीम के सहारे वह आगामी रण जरूर जीतेंगे, हालांकि जब उनसे पूछा गया कि भाजपा का शहरी क्षेत्रों में ज्यादा प्रभाव रहता है.ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी को सफलता कैसे मिलेगी तो पूनिया ने साफ तौर पर कहा कि अब बीजेपी केवल शहरी पार्टी ही नहीं बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मिली जुली मासबेस पार्टी बन चुकी है.
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नई टीम के लिए आ रही है सिफारिशें
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार उनकी नई टीम का गठन जल्द ही कर लिया जाएगा, क्योंकि उसके लिए कई सिफारिशें भी आ रही है. हालांकि पूनिया ने साफ कर दिया कि टीम में सिफारिश है अनुभव योग्यता और राजनीतिक संतुलन सभी का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन जो टीम बनेगी वह आगामी 2023 को देखते हुए बनेगी ताकि भाजपा और मजबूती के साथ आगे बढ़ सके.