जयपुर. पूरा विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा है. मानव सभ्यता को कोरोना वायरस ने झकझोर कर रख दिया है. कोरोना संकट के दौर में एक नई चुनौती दुनिया के सामने खड़ी हो गई है. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.
दरअसल, राजस्थान में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की ओर से विशेष एडवाइजरी जारी की गई है. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी चिड़ियाघर, बायोलॉजिकल पार्क, नेशनल पार्क और सफारी में मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ ही वनकर्मियों की सुरक्षा के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गई है. वन्यजीवों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार सैनिटाइजर और सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव भी किया जा रहा है.इसके साथ ही वन्यजीव के केयरटेकर को पीपीई किट उपलब्ध करवाए गए हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादातर इंसानों में फैल रहा है. ऐसे में वन्यजीवों के पास जाने वाले इंसानों से वन्यजीवों को भी संक्रमण का खतरा हो सकता है. इसी को देखते हुए केयरटेकर्स वन्यजीव की देखभाल करते समय पीपीई किट पहनते हैं और वन्यजीवों के एंक्लोजर्स को भी सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाए गए हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आने वाले वनकर्मियों का टेंपरेचर गन से स्क्रीनिंग करने के बाद प्रवेश दिया जाता है.
टेंपरेचर गन से की जा रही स्क्रीनिंग...
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने ईटीवी भारत पर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान बताया कि पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण फैल रहा है. पिछले दिनों अमेरिका के ब्रोक्स चिड़ियाघर में एक बाघ कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, इसके बाद सेंट्रल जू अथॉरिटी ने सभी राज्यों के (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन्स) को एडवाइजरी जारी की. इसके बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भी वन्यजीवों के एंक्लोजर्स के बाहर और अंदर सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. ऐसी तमाम जगह जहां पर इंसान टच करता है जैसे कि एंक्लोजरस के गेट, रेलिंग समेत तमाम जगहों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है, जो भी केयरटेकर और सफाई कर्मी वन्यजीवों के एंक्लोजर के पास जाता है उनका सबसे पहले टेंपरेचर गन से स्क्रीनिंग की जाती है.
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वहीं, मास्क और पीपीई किट पहन कर केयरटेकर और सफाई कर्मी (एंक्लोजर) के अंदर जाते हैं, ताकि किसी भी वन्यजीव पर कोरोना का दुष्प्रभाव नही पड़े. साथ ही अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से मॉनिटरिंग भी की जा रही है. वन्यजीवों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण भी किया जा रहा है. वन्यजीवों के साथ वन कर्मियों की सुरक्षा का भी ख्याल रखा जा रहा है. सभी वनकर्मियों को मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया गया है.
चमकादड़ों को मारने पर होगी कार्रवाई...
एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया, कि वन्य जीव अधिनियम के तहत किसी भी शेड्यूल के वन्यजीव को परेशान किया जाता है या अत्याचार किया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान है. चमकादड़ों को लेकर भी कई अफवाहें फैल रही है. लोग यह भी अफवाह फैला रहे हैं, कि चमगादड़ से कोरोना वायरस फैलता है. लेकिन इन झूठी अफवाह के चलते अगर चमकादड़ों को कोई मारता है या भगाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी तक जयपुर में ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है, अगर ऐसी कोई घटना सामने आती है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
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राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में डीसीएफ सुदर्शन शर्मा और एसीएफ जगदीश गुप्ता ने सभी वन कर्मचारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. कर्मचारियों को मास्क लगाने, दस्ताने पहने और सैनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह दी गई है. वन्यजीवों को भोजन देते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखने को भी कहा गया है. इसके अलावा बिग केट्स के व्यवहार में संभावित परिवर्तन को नजदीक से मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था की है.