जयपुर. राजस्थान भिखारियों व निर्धन व्यक्तियों का पुनर्वास संशोधन विधेयक 2020 विधानसभा में पास कर दिया गया है. बिल पास होने के दौरान भाजपा विधायकों की ओर से हंगामा करने पर स्पीकर सीपी जोशी नाराज हुए. उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से वेल में आए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को सदन की बाकी बची कार्रवाई से बाहर करने के लिए प्रस्ताव रखने को कहा.
स्पीकर के कहने के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने यह प्रस्ताव रख दिया और इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने स्वीकार कर लिया और राजेंद्र राठौड़ को सदन से बाहर करने का प्रस्ताव पास किया गया. इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया है.
दरअसल, इस बिल पर चर्चा में हुई बहस पर भाजपा के विधायकों को स्पीकर सीपी जोशी ने विधायक किरण महेश्वरी और मदन दिलावर को बिल के अनुसार ही बोलने के लिए कहा. लेकिन पालना नहीं होने पर वह नाराज हो गए. पहले स्पीकर सीपी जोशी ने किरण महेश्वरी को साफ तौर से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अमेंडमेंट लाया गया है. बिल के बाहर बोलने का कोई मतलब नहीं है.
पढें- HC का फैसला, कहा- स्पीकर करें मामले की सुनवाई, दिलावर की याचिका खारिज करने का आदेश रद्द
इसके बाद मदन दिलावर को स्पीकर सीपी जोशी ने बोलने के लिए पुकारा. जब मदन दिवाकर बोलने लगे तो फिर स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें भी बिल के संबंध में बोलने को कहा, लेकिन बिल के विषय पर नहीं बोलने पर स्पीकर सीपी जोशी ने बिल को पास करवा दिया. इस दौरान सदन में भाजपा विधायकों की ओर से जबरदस्त हंगामा किया गया.
हंगामे के दौरान खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि वह इस विषय पर बोलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें स्पीकर सीपी जोशी ने बोलने के लिए अलाउड नहीं किया और इस बिल को पास करवा दिया. इसके बाद शांति धारीवाल ने स्टांप विधेयक 2020 संशोधन को रख दिया, लेकिन भाजपा विधायक वेल में ही खड़े रहे और जबरदस्त हंगामा किया.
हंगामे के बीच राजेंद्र राठौड़ और स्पीकर सीपी जोशी के बीच जबरदस्त नोकझोंक हुई. जिसके बाद नाराज स्पीकर सीपी जोशी ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल से राजेंद्र राठौड़ को सदन से बाहर निकलने का प्रस्ताव रखने को कहा. स्पीकर की बात मानते हुए शांति धारीवाल ने तुरंत राजेंद्र राठौड़ को इस सत्र के अंत तक बाहर निकालने का प्रस्ताव रखा जिसे पास करवा दिया गया. इसके बाद सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.