जयपुर. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने कुछ दिनों पहले राजस्थान में उच्च शिक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रमोट करने का निर्णय किया था. उसके 2 दिन बाद ही यूजीसी ने उच्च शिक्षा के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक गाइडलाइन जारी कर कहा है कि अंतिम वर्ष की परीक्षा अनिवार्य रूप से आयोजित करानी होगी.
गाइडलाइन जारी होने के बाद विद्यार्थी जहां असमंजस में है, तो दूसरी ओर यूजीसी की गाइडलाइन का विरोध भी किया जा रहा है. एनएसयूआई की ओर से विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने और यूजीसी की गाइडलाइन का विरोध करने के लिए अब सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाई जाएगी. बता दें कि यूजीसी की गाइडलाइन का विरोध करने के लिए एनएसयूआई की ओर से शुक्रवार को सोशल मीडिया पर “स्पीक अप फॉर स्टूडेंट' कैंपेन चलाया जाएगा.
इस कैंपेन के तहत हर जिले में 500 से अधिक विद्यार्थी भाग लेंगे. एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि यह कैंम्पेन पूरे देश में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में चलाया जाएगा. एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि हमारे पास विद्यार्थियों के फोन आ रहे हैं और उनका कहना है कि ऐसे सैकड़ों विद्यार्थी है जो बिहार के रहने वाले हैं लेकिन एमडीएस में पढ़ाई कर रहे हैं.
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ऐसे ही यूपी के विद्यार्थी हैं जो धौलपुर में पढ़ाई कर रहे हैं और गुजरात के विद्यार्थी हैं जो उदयपुर में पढ़ाई कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम परीक्षा देने कैसे जाएंगे और परीक्षा के दौरान हमारी सुरक्षा की क्या व्यवस्था रहेगी. वहीं “स्पीक अप फॉर स्टूडेंट” कैंपेन हर जिले और तहसील स्तर पर चला जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने छात्रों के विरोध में यूजीसी का गाइड लाइन जारी कर दी है.
वहीं राज्य सरकारें कह चुकी हैं कि वह फिलहाल परीक्षा कराने की स्थिति में नहीं है, इसके बावजूद भी केंद्र सरकार परीक्षा कराने पर आमादा है. पूनिया ने कहा कि कोई भी इस कैंम्पेन से जुड़ सकता हैं. वहीं अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि इस कैंपेन में राजस्थान के विद्यार्थी लाइव जुड़ेंगे और इसमें कांग्रेस के बड़े नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि भी भाग लेंगे.