जयपुर. ग्रेटर नगर निगम के महापौर पद से निलंबन मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला (SC Verdict On Soumya Gurjar) आने के बाद सौम्या गुर्जर के दोबारा महापौर की सीट पर बैठने का रास्ता साफ हो गया है. उधर कोर्ट स्टे के बाद सरकार भी दोबारा सक्रिय हो गई है. अब सौम्या गुर्जर के खिलाफ चल रही न्यायिक जांच पर फोकस किया जा रहा है. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे बढ़ेगी. इससे पहले बुधवार को ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय सौम्या गुर्जर के पदभार ग्रहण करने की सुगबुगाहट के बीच पुलिस छावनी में तब्दील होता दिखा.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि निगम प्रशासन की रिक्वेस्ट पर यहां ज्योति नगर थाना पुलिस और अशोक नगर सर्किल पुलिस (Police Force on Greater Nigam Headquarter) तैनात की गई है. हालांकि, यहां किसी तरह के प्रदर्शन की सूचना नहीं है और जहां तक सवाल सौम्या गुर्जर के महापौर पद भार ग्रहण करने का है, तो इसकी जानकारी उनके पास नहीं.
हाल ही में 31 जनवरी को ही राज्य सरकार ने कार्यवाहक मेयर शील धाभाई के कार्यकाल को अगले 60 दिन के लिए बढ़ाया गया. सरकार ने धाभाई का कार्यकाल चौथी बार बढ़ाया. इससे पहले निलंबित पार्षदों सहित बीजेपी के पार्षद और ग्रेटर नगर निगम की विभिन्न समितियों के चेयरमैन सौम्या गुर्जर के घर पर जश्न मनाते हुए भी नजर आए थे. उन्होंने सौम्या गुर्जर को हटाने को षड्यंत्र बताते हुए (Controversy Over Greater Municipal Corporation Mayor) कहा था कि आखिरकार सात महीने बाद सत्य की जीत हुई.
क्या है विवाद...
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने 6 जून को सौम्या गुर्जर को मेयर पद से और अन्य तीन पार्षदों को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ हुए विवाद के बाद निलंबित कर दिया था. इस निलंबन के बाद राज्य सरकार ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी. सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पूरे प्रकरण में न्यायिक जांच होने तक दखल देने और निलंबन के आदेशों पर स्टे देने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सौम्या गुर्जर के समर्थन में बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में (BJP About SC Verdict On Soumya Gurjar) इस मामले को चुनौती दी थी.