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जयपुर में सोमवार को सोमवती अमावस्या, पितृ दर्पण के लिए करें पूजा-पाठ - Somvati amavasya monday

साल 2021 की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्या सोमवार को है. इस दिन सोमवती अमावस्या का आना पितृ दर्पण और पितरों को समर्पित है. इसके अलावा वैसे तो हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व है, लेकिन सोमवती अमावस्या का दिन दिवंगत पितरों के मोक्ष के लिए माना जाता है.

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सोमवती अमावस्या कल
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Published : Apr 11, 2021, 6:10 PM IST

जयपुर. साल 2021 की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्या कल है. सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या का आना पितृ दर्पण और पितरों को समर्पित है. वैसे तो हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व है लेकिन सोमवती अमावस्या का दिन दिवंगत पितरों के मोक्ष के लिए माना जाता है. वहीं सोमवती अमावस्या का दिन आध्यात्मिक चिंतन के लिए श्रेष्ठ होता है.

बता दें कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र सरोवरों और नदियों में धार्मिक स्नान का महत्व होता है. इस दिन तीर्थ स्थलों और नदी-तालाब में आस्था की डुबकी लगाई जाती है. सोमवती अमावस्या के दिन जो व्यक्ति अपने परिवार के साथ तीर्थ सरोवरों में जाकर आस्था की डुबकी लगाएंगे, उन्हें कई गुना फल की प्राप्ति होती है.

पढ़ें: कोरोना वैक्सीन को लेकर गरमाई सियासत, वैक्सीन कमी के आरोप को पूनिया ने नकारा

उसके साथ ही भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की विधिवत पूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी. वहीं छोटी कांशी जयपुर के गलता तीर्थ स्थल पर कोविड गाइडलाइंस के तहत श्रदालु स्नान कर सकेंगे.

इसके अलावा पुष्कर सरोवर और अन्य तीर्थ स्थलों पर लोग पूजा अर्चना करेंगे. इसके लिए कल सुबह 8 बजे तक मुहूर्त रहेगा. इस मुहूर्त में पितृ दोष से पीड़ित लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास रखेंगे.

जयपुर. साल 2021 की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्या कल है. सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या का आना पितृ दर्पण और पितरों को समर्पित है. वैसे तो हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व है लेकिन सोमवती अमावस्या का दिन दिवंगत पितरों के मोक्ष के लिए माना जाता है. वहीं सोमवती अमावस्या का दिन आध्यात्मिक चिंतन के लिए श्रेष्ठ होता है.

बता दें कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र सरोवरों और नदियों में धार्मिक स्नान का महत्व होता है. इस दिन तीर्थ स्थलों और नदी-तालाब में आस्था की डुबकी लगाई जाती है. सोमवती अमावस्या के दिन जो व्यक्ति अपने परिवार के साथ तीर्थ सरोवरों में जाकर आस्था की डुबकी लगाएंगे, उन्हें कई गुना फल की प्राप्ति होती है.

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उसके साथ ही भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की विधिवत पूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी. वहीं छोटी कांशी जयपुर के गलता तीर्थ स्थल पर कोविड गाइडलाइंस के तहत श्रदालु स्नान कर सकेंगे.

इसके अलावा पुष्कर सरोवर और अन्य तीर्थ स्थलों पर लोग पूजा अर्चना करेंगे. इसके लिए कल सुबह 8 बजे तक मुहूर्त रहेगा. इस मुहूर्त में पितृ दोष से पीड़ित लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास रखेंगे.

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