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ACB की कार्रवाई से परिवहन विभाग में मचा हड़कंप, कुछ और अधिकारियों के नाम आ सकते हैं सामने

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Published : Feb 17, 2020, 3:25 PM IST

जयपुर में एसीबी ने परिवहन विभाग में अवैध वसूली के पर्दाफाश के बाद विभाग में दलाली का खेल भी उजागर हुआ है. वहीं इस कार्रवाई से परिवहन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं इस अवैध वसूली के खेल में अभी और लोगों के नाम उजागर होने की संभावना है.

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जयपुर एसीबी की कार्रवाई

जयपुर. परिवहन विभाग में दलालों के माध्यम से पिछले 4 महीने से अवैध वसूली का खेल चल रहा था. जिसको रविवार देर रात को एसीबी ने उस खेल का पर्दाफाश कर दिया. जिसमें आरोपियों को निरूद्ध कर उनके घर की तलाशी ली गई. साथ ही इंस्पेक्टर उदयवीर और 1 दलाल को एसीबी ने गिरफ्तार किया गया है. वहीं अवैध वसूली के खेल में अभी और लोगों के नाम उजागर होने की संभावना है.

जयपुर एसीबी कार्रवाई

बता दें कि दलालों के हर दिन के मूवमेंट और बातचीत पर एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी और आईजी दिनेश एमएन की पूरी नजर थी. 4 महीने तक दलालों के फोन को सर्विलांस पर लेने के बाद एसीबी ने 30 से ज्यादा अधिकारी की सूची तैयार की थी. जिसमें उनका नाम था, जो अधिकारी दलालों के संपर्क में थे और कमर्शियल वाहनों के मालिकों को धमकाकर वसूली करते थे.

ऐसे होता था दलाली का खेल

बता दें कि दलाल इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को वसूली की राशि देता था. इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी उसे उच्च स्तर के अधिकारियों तक पहुंचाते थे. एसीबी विभाग के द्वारा देर रात रविवार को हुई कार्रवाई में आठ अधिकारियों पर सर्च कार्रवाई के बाद तीन अधिकारी तो फरार भी हो गए. 7 अधिकारी एसीबी के रडार पर हैं. इनके खिलाफ एसीबी के पास सबूत भी बताया जा रहा है. दलालों और अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में कई बड़े अफसरों का नाम लिया जा रहा है. जिसमें अधिकारी इन तक भी पैसा पहुंचाने की बात कह रहे हैं.

यह भी पढ़ें. तबादलों पर प्रतिबंध लेकिन शिक्षा विभाग में जारी बैक डोर का खेल, भाजपा ने कहा- तबादला उद्योग हावी

एसबी को पता चला था कि दलाल मनीष मिश्रा 16 फरवरी को वसूली की राशि इंस्पेक्टर उदयवीर को देगा. एसीबी ने 20 से ज्यादा अफसर और दलालों पर सर्च कार्रवाई का निर्णय लिया. डीजी और एडीजी के नेतृत्व में 18 टीमें बनाकर एक साथ सर्च किया गया. जिसमे दलाल मनीष ने उदयवीर को बंधी के 40 हजार रुपए दिए तो उसे पकड़ लिया. जिसके बाद बाकी बचे अधिकारियों के घर पर देर रात तक सर्च अभियान चलाया गया.

3 इंस्पेक्टर फरार

एसीबी की कार्रवाई के बाद परिवहन विभाग के तीन इंस्पेक्टर फरार हो गए हैं. जिनको एसीबी भी तलाश रही है. वहीं परिवहन विभाग में अधिकारी एक-दूसरे से फोन कर जानकारी मांग रहे हैं. इस तरह से परिवहन विभाग में इस समय हड़कंप मचा हुआ है. दूसरी ओर एसीबी के रडार पर टॉप के लेवल अधिकारी भी शामिल हैं. जिन पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है.

5 महीने पहले भी अवैध वसूली का वीडियो हुआ वायरल

आपको बता दें कि 5 महीने पहले खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कोटा-बूंदी मार्ग पर परिवहन निरीक्षक को वाहनों से वसूली करते पकड़ा था. उसका वीडियो वायरल हो गया था. वहीं दूसरी ओर सवाई माधोपुर विधायक दानिश अब्बार ने भी एक इंस्पेक्टर को अवैध वसूली करते हुए पकड़ा था. उसका वीडियो भी वायरल हुआ. जिसके बाद इंस्पेक्टरों कि परिवहन मंत्री से शिकायत भी की थी.

इन अधिकारियों पर एसीबी ने कसा अपना शिकंजा

आपको बता दें कि रविवार को हुई कार्रवाई के अंतर्गत एसीबी ने परिवहन विभाग के शाहजहांपुर के डीटीओ गजेंद्र सिंह. डीटीओ चौमू विनय बंसल, डीटीओ मुख्यालय महेश शर्मा, परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह और अशोक बुडानिया, नवीन जैन रतनलाल को निरूद्ध कर इनके घर की तलाशी की गई है. जिसमें से इंस्पेक्टर उदय वीर और 1 दलाल को एसीबी के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है.

जयपुर. परिवहन विभाग में दलालों के माध्यम से पिछले 4 महीने से अवैध वसूली का खेल चल रहा था. जिसको रविवार देर रात को एसीबी ने उस खेल का पर्दाफाश कर दिया. जिसमें आरोपियों को निरूद्ध कर उनके घर की तलाशी ली गई. साथ ही इंस्पेक्टर उदयवीर और 1 दलाल को एसीबी ने गिरफ्तार किया गया है. वहीं अवैध वसूली के खेल में अभी और लोगों के नाम उजागर होने की संभावना है.

जयपुर एसीबी कार्रवाई

बता दें कि दलालों के हर दिन के मूवमेंट और बातचीत पर एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी और आईजी दिनेश एमएन की पूरी नजर थी. 4 महीने तक दलालों के फोन को सर्विलांस पर लेने के बाद एसीबी ने 30 से ज्यादा अधिकारी की सूची तैयार की थी. जिसमें उनका नाम था, जो अधिकारी दलालों के संपर्क में थे और कमर्शियल वाहनों के मालिकों को धमकाकर वसूली करते थे.

ऐसे होता था दलाली का खेल

बता दें कि दलाल इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को वसूली की राशि देता था. इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी उसे उच्च स्तर के अधिकारियों तक पहुंचाते थे. एसीबी विभाग के द्वारा देर रात रविवार को हुई कार्रवाई में आठ अधिकारियों पर सर्च कार्रवाई के बाद तीन अधिकारी तो फरार भी हो गए. 7 अधिकारी एसीबी के रडार पर हैं. इनके खिलाफ एसीबी के पास सबूत भी बताया जा रहा है. दलालों और अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में कई बड़े अफसरों का नाम लिया जा रहा है. जिसमें अधिकारी इन तक भी पैसा पहुंचाने की बात कह रहे हैं.

यह भी पढ़ें. तबादलों पर प्रतिबंध लेकिन शिक्षा विभाग में जारी बैक डोर का खेल, भाजपा ने कहा- तबादला उद्योग हावी

एसबी को पता चला था कि दलाल मनीष मिश्रा 16 फरवरी को वसूली की राशि इंस्पेक्टर उदयवीर को देगा. एसीबी ने 20 से ज्यादा अफसर और दलालों पर सर्च कार्रवाई का निर्णय लिया. डीजी और एडीजी के नेतृत्व में 18 टीमें बनाकर एक साथ सर्च किया गया. जिसमे दलाल मनीष ने उदयवीर को बंधी के 40 हजार रुपए दिए तो उसे पकड़ लिया. जिसके बाद बाकी बचे अधिकारियों के घर पर देर रात तक सर्च अभियान चलाया गया.

3 इंस्पेक्टर फरार

एसीबी की कार्रवाई के बाद परिवहन विभाग के तीन इंस्पेक्टर फरार हो गए हैं. जिनको एसीबी भी तलाश रही है. वहीं परिवहन विभाग में अधिकारी एक-दूसरे से फोन कर जानकारी मांग रहे हैं. इस तरह से परिवहन विभाग में इस समय हड़कंप मचा हुआ है. दूसरी ओर एसीबी के रडार पर टॉप के लेवल अधिकारी भी शामिल हैं. जिन पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है.

5 महीने पहले भी अवैध वसूली का वीडियो हुआ वायरल

आपको बता दें कि 5 महीने पहले खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कोटा-बूंदी मार्ग पर परिवहन निरीक्षक को वाहनों से वसूली करते पकड़ा था. उसका वीडियो वायरल हो गया था. वहीं दूसरी ओर सवाई माधोपुर विधायक दानिश अब्बार ने भी एक इंस्पेक्टर को अवैध वसूली करते हुए पकड़ा था. उसका वीडियो भी वायरल हुआ. जिसके बाद इंस्पेक्टरों कि परिवहन मंत्री से शिकायत भी की थी.

इन अधिकारियों पर एसीबी ने कसा अपना शिकंजा

आपको बता दें कि रविवार को हुई कार्रवाई के अंतर्गत एसीबी ने परिवहन विभाग के शाहजहांपुर के डीटीओ गजेंद्र सिंह. डीटीओ चौमू विनय बंसल, डीटीओ मुख्यालय महेश शर्मा, परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह और अशोक बुडानिया, नवीन जैन रतनलाल को निरूद्ध कर इनके घर की तलाशी की गई है. जिसमें से इंस्पेक्टर उदय वीर और 1 दलाल को एसीबी के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है.

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