जयपुर. सूचना के अधिकार के तहत जवाबदेही कानून की मांग को लेकर मंगलवार को प्रदेश में कई सामाजिक संगठनों ने रैली निकाली. रैली के दौरान सरकार को चुनाव के वक्त किया गया वादा याद दिलाया. इस दौरान बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की, की जिस कानून को सरकार बनने के बाद लागू करने का वादा किया गया था उस कानून को जल्द लागू करें.
यह रैली जब विधानसभा पहुंची तो प्रशासन ने इस रैली को सिविल लाइंस फाटक पर ही रोक दिया. इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय और निखिल डे सहित 11 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम विधानसभा पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. सिविल लाइंस फाटक पर प्रशासन की तरफ से रैली को रोके जाने के विरोध में लोग वहीं पर धरने पर बैठ गए. जिसके बाद सरकार से जवाबदेही कानून लागू करने की मांग करने लगे.
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इसके बाद पुलिस ने धरने पर बैठे 11 सदस्य कमेटी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की अनुमति दी. इसके बाद अरुणा राय, निखिल डे, निशा सिद्धू, कविता श्रीवास्तव, कमल टांक, सवाई सिंह और एडवोकेट ताराचंद वर्मा सहित 11 सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने सत्ता में आने से पहले चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में जवाबदेही कानून लागू करने का वादा किया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार अपने वादे को भूल गई.
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वहीं सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने भी कहा की जवाबदेही कानून लागू करने के लिए कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर सौंप दी है. अधिकारी की तरफ से सभी फॉर्मेलिटी पूरी कर ली गई है. अब सरकार की इच्छाशक्ति होनी चाहिए कि वह इसे इसी विधानसभा में पारित करके लागू करें.