जयपुर. प्रदेश में जारी सियासी महासंग्राम के बीच, बीते करीब 1 महीने से कांग्रेस विधायकों के दोनों खेमों की बाड़ेबंदी को लेकर चर्चा चल रही थी. लेकिन अब यह चर्चा भाजपा की बाड़ेबंदी को लेकर हो रही है. हर कोई आश्चर्य में है कि जब भाजपा राजस्थान में सत्ता में भी नहीं है और उसके पास कुछ खोने को ही नहीं है तो फिर यह बाड़ेबंदी किस बात की.
इसी बीच गहलोत कैंप के निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि, मारवाड़ी में कहावत है कि चोर के घर चांदना होता है. ऐसे में अपने घर के भीतर का अपराध बोध ही इन्हें विवश कर रहा है कि, कहीं हमारा खुद का घर ही टूट जाए. इसके चलते भाजपा अपने विधायकों को बाड़ेबंदी में जमा कर रही है.
संयम लोढ़ा ने कहा कि अब भाजपा के विधायकों को यह समझ में आ गया है कि, भाजपा का प्लान अब मध्यावधि चुनाव करवाने का है, ऐसे में भाजपा के बहुत से विधायक जो अभी चुनाव नहीं चाहते हैं, उन्हें जबरन बाड़ेबंदी में भेजा जा रहा है. लोढ़ा ने कहा कि, इस बाड़ेबंदी से अब यह साफ हो गया है कि भाजपा को अपने विधायकों पर ही भरोसा नहीं है.
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साथ ही विधायक लोढ़ा ने यह भी कहा कि, जिस क्षेत्र के विधायकों को चिन्हित करके ले जाया गया है. वह और भी ज्यादा अपमानजनक बात है. लेकिन चाहे कुछ भी कर ले, अब भाजपा का षड्यंत्र विफल हो चुका है. क्योंकि भाजपा के विधायक ही मध्यावधि चुनाव के विरोध में खड़े हो गए हैं. ऐसे में अब जबरन इन विधायकों को बाड़ेबंदी में भेजा गया है.
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विधायक संयम लोढ़ा ने कहा राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के विधायक इकठा रह रहे है, क्योंकि जिस रूप में भाजपा के डकैत प्रजातंत्र पर डाका डालने के लिए घूम रहे हैं. ऐसे में आवश्यक है कि सब को एक जगह रखा जाए और भाजपा के गेम प्लान को विफल किया जाए, हमारे एक जगह रहने के पीछे तो कारण है कि जिस तरीके से मध्य प्रदेश और कर्नाटक में जिस रूप से भाजपा ने कुत्सित प्रयास किया और राजस्थान में भी उसी तरह की चुनौती का सामना हमें करना पढ़ रहा है. लेकिन भाजपा की बाड़ेबंदी से यह साफ है कि, भाजपा राजस्थान में नेतृत्वहीनता का सामना कर रही है.