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अब सिलिकोसिस पीड़ित परिवाराें को मिलेगा पालनहार योजना का लाभ

राजस्थान में हाल ही में प्रदेश की गहलोत सरकार ने सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई पॉलिसी लेकर आई थी, जिसे कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिये अनुमोदित भी कर दिया गया है.

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पालनहार योजना का लाभ
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Published : Jan 28, 2020, 7:29 PM IST

जयपुर. प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 घोषित की थी. जिसके बाद गहलोत सरकार ने एक संवेदनशील निर्णय लेते हुए प्रदेश के सिलिकोसिस पीड़ितों की संतानों को पालनहार योजना का लाभ देने के लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

मुख्यमंत्री का संवेदनशील निर्णय

प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 घोषित की थी. प्रस्ताव के अनुसार, परिवार में माता और पिता के सिलिकोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में 0 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित पालनहार योजना के लाभ देय होंगे. वहीं इसके लिए पालनहार योजना की पात्रता सूची में सिलिकोसिस पीड़ित परिवार की श्रेणी जोड़ी जाएगी.

पढ़ेंः कांग्रेस की युवा आक्रोश रैली में 'मोदी है तो मंदी है' के नारे

जानकारी के अनुसार सीएम गहलोत के इस निर्णय से प्रदेशभर में सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों के करीब 15,828 बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे और राज्य सरकार पर 193 करोड़ रूपए से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. साथ ही पालनहार योजना में 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 500 रूपए और 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 1000 रूपए का अनुदान देने का प्रावधान है.

राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं-

अक्सर खानों में काम करने वाले हजारों मजदूर सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं. राजस्थान में 33 हजार से ज्यादा खदानें हैं, जहां पर लाखों मजदूर कार्य करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं. खानों में पत्थर तोड़ने और अन्य निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली डस्ट जब श्वांस के जरिए शरीर में जाती है तो सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारी हो जाती है. राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं. अब तक 1600 मजदूरों की सिलिकोसिस के कारण मृत्यु हो चुकी है.

जयपुर. प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 घोषित की थी. जिसके बाद गहलोत सरकार ने एक संवेदनशील निर्णय लेते हुए प्रदेश के सिलिकोसिस पीड़ितों की संतानों को पालनहार योजना का लाभ देने के लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

मुख्यमंत्री का संवेदनशील निर्णय

प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 घोषित की थी. प्रस्ताव के अनुसार, परिवार में माता और पिता के सिलिकोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में 0 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित पालनहार योजना के लाभ देय होंगे. वहीं इसके लिए पालनहार योजना की पात्रता सूची में सिलिकोसिस पीड़ित परिवार की श्रेणी जोड़ी जाएगी.

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जानकारी के अनुसार सीएम गहलोत के इस निर्णय से प्रदेशभर में सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों के करीब 15,828 बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे और राज्य सरकार पर 193 करोड़ रूपए से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. साथ ही पालनहार योजना में 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 500 रूपए और 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 1000 रूपए का अनुदान देने का प्रावधान है.

राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं-

अक्सर खानों में काम करने वाले हजारों मजदूर सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं. राजस्थान में 33 हजार से ज्यादा खदानें हैं, जहां पर लाखों मजदूर कार्य करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं. खानों में पत्थर तोड़ने और अन्य निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली डस्ट जब श्वांस के जरिए शरीर में जाती है तो सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारी हो जाती है. राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं. अब तक 1600 मजदूरों की सिलिकोसिस के कारण मृत्यु हो चुकी है.

Intro:
मुख्यमंत्री का संवेदनशील निर्णय
सिलिकोसिस पीड़ित परिवाराें को मिलेंगे पालनहार योजना के लाभ

एंकर:- प्रदेश की गहलोत सरकार ने एक संवेदनशील निर्णय लेते हुए प्रदेश के सिलिकोसिस पीड़ितों की संतानों को पालनहार योजना के लाभ देने का निर्णय लिया है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सन्दर्भ में वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 घोषित की थी। प्रस्ताव के अनुसार, परिवार में माता अथवा पिता के सिलिकोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में 0 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित पालनहार योजना के लाभ देय होंगे। इसके लिए पालनहार योजना की पात्रता सूची में सिलिकोसिस पीड़ित परिवार की श्रेणी जोड़ी जाएगी। सीएम गहलोत के इस निर्णय से प्रदेशभर में सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों के करीब 15,828 बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे और राज्य सरकार पर 193 करोड़ रूपए से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। पालनहार योजना में 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 500 रूपए तथा 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 1000 रूपए का अनुदान देने का प्रावधान है।

राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं
अक्सर खानों में काम करने वाले हजारों मजदूर सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं. राजस्थान में 33 हजार से ज्यादा खदानें हैं, जहां पर लाखों मजदूर कार्य करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं. खानों में पत्थर तोड़ने और अन्य निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली डस्ट जब श्वांस के जरिए शरीर में जाती है तो सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारी हो जाती है. राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं. अब तक 1600 मजदूरों की सिलिकोसिस के कारण मृत्यु हो चुकी है. हम आप को बता दे कि हाल ही में प्रदेश की गहलोत सरकार ने सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई पॉलिसी लेकर आई थी , जिसे कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिये अनुमोदित भी कर दिया , Body:ViConclusion:Vo
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