जयपुर. प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 घोषित की थी. जिसके बाद गहलोत सरकार ने एक संवेदनशील निर्णय लेते हुए प्रदेश के सिलिकोसिस पीड़ितों की संतानों को पालनहार योजना का लाभ देने के लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.
प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ही राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 घोषित की थी. प्रस्ताव के अनुसार, परिवार में माता और पिता के सिलिकोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में 0 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित पालनहार योजना के लाभ देय होंगे. वहीं इसके लिए पालनहार योजना की पात्रता सूची में सिलिकोसिस पीड़ित परिवार की श्रेणी जोड़ी जाएगी.
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जानकारी के अनुसार सीएम गहलोत के इस निर्णय से प्रदेशभर में सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों के करीब 15,828 बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे और राज्य सरकार पर 193 करोड़ रूपए से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. साथ ही पालनहार योजना में 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 500 रूपए और 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रति माह 1000 रूपए का अनुदान देने का प्रावधान है.
राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं-
अक्सर खानों में काम करने वाले हजारों मजदूर सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं. राजस्थान में 33 हजार से ज्यादा खदानें हैं, जहां पर लाखों मजदूर कार्य करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं. खानों में पत्थर तोड़ने और अन्य निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली डस्ट जब श्वांस के जरिए शरीर में जाती है तो सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारी हो जाती है. राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं. अब तक 1600 मजदूरों की सिलिकोसिस के कारण मृत्यु हो चुकी है.