जयपुर. महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान का पटाक्षेप एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के साथ हो गया है. इसके बाद सियासतदरों की नजरें राजस्थान पर हैं. 20 जून को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सचिन पायलट पर दिए गए बयान के बाद राजस्थान में भी सियासी (Signs of political crisis in Rajasthan) उठापाठक के संकेत मिले थे. लेकिन गुरुवार शाम भाजपा वरिष्ठ नेता और सांसद घनश्याम तिवाड़ी के राजस्थान सरकार को लेकर की गई टिप्पणी के बाद इसकी चर्चा तेज हो गई है.
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा था कि राजस्थान की मौजूदा कांग्रेस सरकार देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. तिवाड़ी के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में अगला नम्बर राजस्थान के होने की चर्चा चल रही है. खुद सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस के कई नेता अपने बयानों में सत्ता के उलट-फेर की आशंका जताते रहे हैं और भाजपा पर आरोप भी लगा चुके हैं. वहीं आए दिन भाजपा नेताओं की ओर से दिए जा रहे बयान भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं.
5 साल नहीं चलेगी गहलोत सरकार: राजस्थान भाजपा से जुड़े कई प्रमुख नेता अपने बयानों में बार-बार ये बात कह चुके हैं कि राजस्थान की मौजूदा गहलोत सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी. फिर चाहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया हों या नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी. ये वो नेता हैं जिनके बयानों में कई बार इस बात का जिक्र किया जा चुका है. हाल ही में गुरुवार को राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने प्रेसवार्ता में दिए गए बयान में इस ओर इशारा किया है कि भाजपा के नेता राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार को बर्दाश्त नहीं कर सकते.
भाजपा नेताओं ने पायलट पर डाले थे डोरे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री शांति धारीवाल के सचिन पायलट और भाजपा को लेकर दिए गए बयानों से बाद राजस्थान भाजपा के नेता लगातार कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर डोरें डाल रहे थे. कटारिया ने तो पायलट को गहलोत और धारीवाल से ज्यादा दमदार नेता बता दिया था. पिछले चुनाव में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत का सेहरा तक पायलट के सिर बांध दिया. वहीं राजेन्द्र राठौड़ ने भी पिछले विधानसभा चुनावों में पायलट के संघर्ष और सामाजिक छवि के कारण कांग्रेस के सत्ता में पहुंचने की बात कही थी.