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राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं करने पर 17 RTO इंस्पेक्टरों को 'कारण बताओ नोटिस' जारी

प्रदेश में लगे लॉकडाउन के कारण परिवहन विभाग इस साल अपना राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया. ऐसे में कम राजस्व अर्जित करने पर परिवहन विभाग ने विभिन्न आरटीओ रीजन के 17 इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा हैं.

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आरटीओ इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस
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Published : Jul 6, 2020, 4:29 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में लगे लॉकडाउन में लोगों को काफी परेशानी हुई. साथ ही सभी को आर्थिक नुकसान भी हुआ. परिवहन विभाग भी इस साल अपना राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया. लेकिन इस बीच कम राजस्व लाने पर परिवहन विभाग ने विभिन्न आरटीओ रीजन में लगे 17 इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया हैं. इसमें इंस्पेक्टरों के 5 दिन के कार्य की समीक्षा की गई है. जिसके बाद कम राजस्व लाने पर नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब भी मांग है.

आरटीओ इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस

बता दें कि, सभी रीजन ऑफिस को मिला कर 17 इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं. जिसमें सबसे अधिक इंस्पेक्टर भरतपुर आरटीओ रीजन के हैं. यहां पर एसीबी ने कुछ दिन पहले पुलिस थानों से वसूली का मामला भी उजागर किया था. वहीं ओवरलोड वाहनों से आरटीआई इंस्पेक्टरों की वसूली के मामले में विधायक भी कई बार बोल चुके हैं. परिवहन आयुक्त रवि जैन के ने प्रदेश के विभिन्न रीजन के 17 सेक्टरों को यह नोटिस जारी किया गया है. उनसे कम राजस्व लाने को लेकर भी जवाब मांगा गया हैं.

इन अधिकारियों को जारी किया गया नोटिस

परिवहन विभाग की ओर से 17 इंस्पेक्टरों को नोटिस जारी किया गया है. जिसमें जोधपुर के रमेश दर्जी, कोटा के देवेंद्र कुमार जोशी और राघव शर्मा, नागौर के राकेश विजयवर्गीय, बारां के योगेश कुमार, झालावाड़ के सुमित राठौर, धौलपुर के एम एल कुमावत और रामवीर सिंह, भरतपुर के अनिल कुमार, मुकेश सैनी, नीतू शर्मा, हनुमानगढ़ के विपिन कुमार नोहर और राय सिंह, पाली के शिव, ब्यावर के जगदीश नारायण मीणा और अनिल चौधरी, चूरू के रोहित भवासरा को जारी करके जवाब मांगा गया हैं.

ये पढ़ें: अधिकारी-कर्मचारी शादी समारोह में सोच समझकर जाएं, 50 से अधिक लोग जुटे तो देनी होगी जानकारी : गृह विभाग

पिछले वित्तिय वर्ष में मिला 5,650 करोड़ का लक्ष्य

परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, विभाग को कुल 5,650 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था. लेकिन बीते दिनों विभाग में हुई एसीबी की कार्रवाई के बाद अधिकारियों में डर का माहौल बन गया है. इसके बाद देश भर में कोरोना के कहर के चलते लॉकडाउन की स्थिति हो गई. ऐसे में विभाग अपने राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया. तो विभाग ने करीब 4800 करोड़ के राजस्व लक्ष्य पर ही अटक गया था. लेकिन जिन इंस्पेक्टर ने सबसे कम राजस्व हासिल किया, उनको परिवहन आयुक्त की ओर से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया हैं. हालांकि, जयपुर रीजन का एक भी इंस्पेक्टर इस नोटिस में शामिल नहीं है.

जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में लगे लॉकडाउन में लोगों को काफी परेशानी हुई. साथ ही सभी को आर्थिक नुकसान भी हुआ. परिवहन विभाग भी इस साल अपना राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया. लेकिन इस बीच कम राजस्व लाने पर परिवहन विभाग ने विभिन्न आरटीओ रीजन में लगे 17 इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया हैं. इसमें इंस्पेक्टरों के 5 दिन के कार्य की समीक्षा की गई है. जिसके बाद कम राजस्व लाने पर नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब भी मांग है.

आरटीओ इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस

बता दें कि, सभी रीजन ऑफिस को मिला कर 17 इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं. जिसमें सबसे अधिक इंस्पेक्टर भरतपुर आरटीओ रीजन के हैं. यहां पर एसीबी ने कुछ दिन पहले पुलिस थानों से वसूली का मामला भी उजागर किया था. वहीं ओवरलोड वाहनों से आरटीआई इंस्पेक्टरों की वसूली के मामले में विधायक भी कई बार बोल चुके हैं. परिवहन आयुक्त रवि जैन के ने प्रदेश के विभिन्न रीजन के 17 सेक्टरों को यह नोटिस जारी किया गया है. उनसे कम राजस्व लाने को लेकर भी जवाब मांगा गया हैं.

इन अधिकारियों को जारी किया गया नोटिस

परिवहन विभाग की ओर से 17 इंस्पेक्टरों को नोटिस जारी किया गया है. जिसमें जोधपुर के रमेश दर्जी, कोटा के देवेंद्र कुमार जोशी और राघव शर्मा, नागौर के राकेश विजयवर्गीय, बारां के योगेश कुमार, झालावाड़ के सुमित राठौर, धौलपुर के एम एल कुमावत और रामवीर सिंह, भरतपुर के अनिल कुमार, मुकेश सैनी, नीतू शर्मा, हनुमानगढ़ के विपिन कुमार नोहर और राय सिंह, पाली के शिव, ब्यावर के जगदीश नारायण मीणा और अनिल चौधरी, चूरू के रोहित भवासरा को जारी करके जवाब मांगा गया हैं.

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पिछले वित्तिय वर्ष में मिला 5,650 करोड़ का लक्ष्य

परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, विभाग को कुल 5,650 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था. लेकिन बीते दिनों विभाग में हुई एसीबी की कार्रवाई के बाद अधिकारियों में डर का माहौल बन गया है. इसके बाद देश भर में कोरोना के कहर के चलते लॉकडाउन की स्थिति हो गई. ऐसे में विभाग अपने राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया. तो विभाग ने करीब 4800 करोड़ के राजस्व लक्ष्य पर ही अटक गया था. लेकिन जिन इंस्पेक्टर ने सबसे कम राजस्व हासिल किया, उनको परिवहन आयुक्त की ओर से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया हैं. हालांकि, जयपुर रीजन का एक भी इंस्पेक्टर इस नोटिस में शामिल नहीं है.

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