जयपुर. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने NEET के परिणाम जारी कर दिए हैं. परीक्षा में कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे उड़ीसा के शोएब आफताब ने 720 में से 720 अंक लाकर इतिहास रचा है. वहीं, NEET का रिजल्ट जयपुर के लिए भी खास रहा. ये पहला मौका है जब जयपुर के 3 छात्रों ने टॉप 100 में अपनी जगह बनाई और दिल्ली एम्स में सीट पक्की की है.
उड़ीसा से जयपुर अपने परिजनों के साथ पहुंचे शोएब आफताब ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि अप्रैल 2018 में कोटा में नीट (NEET) की तैयारी करने के लिए आए थे. ढाई साल लगातार कोटा में रहे. इस दौरान एक भी बार अपने घर नहीं गए. उन्होंने अपना लक्ष्य निर्धारित किया, हालांकि 720 अंक लाने का कभी सोचा नहीं था.
शोएब का लक्ष्य कार्डियोलॉजिस्ट बनने का...
शोएब ने बताया कि सभी विषयों की समान अनुपात में पढ़ाई की और जो वीकनेस थी उसकी तैयारी ज्यादा की. हालांकि 11वीं कक्षा में उनके अच्छे अंक नहीं आए थे, लेकिन 12वीं के रिजल्ट से लग रहा था कि टॉप 100 में जगह बना लेंगे. नीट की परीक्षा दो बार स्थगित भी हुई, ऐसे में पहले उन्होंने 11वीं के कोर्स पर फोकस किया. लेकिन दोबारा जब नीट स्थगित हुई तो इस साल परीक्षा नहीं होने का विचार आया, ऐसे में उन्होंने कुछ समय पढ़ाई को ब्रेक भी दिया. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से तो दूर रहे, लेकिन व्हाट्सएप पर टीचर और साथियों से जुड़कर प्रॉब्लम सॉल्व करते रहे. अब उनका लक्ष्य एम्स दिल्ली में पढ़ाई कर कार्डियोलॉजिस्ट बनने का है.
जयपुर के लिए भी NEET का रिजल्ट ऐतिहासिक
वहीं, जयपुर के लिए भी NEET का रिजल्ट ऐतिहासिक रहा. ये पहला मौका है जब टॉप 100 में जयपुर के 3 छात्रों ने जगह बनाई. इन छात्रों ने ना सिर्फ जयपुर का मान बढ़ाया, बल्कि एम्स में अपनी सीट भी रिजर्व की. जयपुर की टॉपर रही चिन्मयी कोठारी ने 720 में से 705 अंक हासिल किए. आईएएस अफसर की बेटी चिन्मयी ने बताया कि जो टारगेट उन्होंने बनाया उसको अचीव किया है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन उनके लिए सबसे खास रहा.
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चिन्मयी कोठारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा एकाग्रता के साथ पढ़ाई की. अब चिन्मयी ने दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करने के बाद यूएसए से एमडी करने का लक्ष्य बनाया है. वहीं, जयपुर की ही काव्या सिंघल ने 700 अंक हासिल किए. जिसे उन्होंने अपने टारगेट से भी ज्यादा बताया. आरएएस अधिकारी की बेटी काव्या ने बताया कि दो बार परीक्षा स्थगित होने के बाद विचलित जरूर हुए, लेकिन फैमिली से उन्हें पूरा सपोर्ट मिला.
भारत में मेडिकल प्रवेश के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए नीट परीक्षा 2020 के परिणाम 1 वर्ष के लिए मान्य होंगे. जो उम्मीदवार विदेश में दाखिला लेना चाहते हैं, उनके लिए नीट का परिणाम 3 साल की अवधि के लिए मान्य होगा. बता दें कि नीट के नतीजे पहले 12 अक्टूबर को आने वाले थे, लेकिन कोविड-19 से प्रभावित नीट अभ्यर्थियों को एक और मौका देने के लिए परीक्षा परिणाम 16 अक्टूबर को जारी करने का निर्णय लिया गया था.