जयपुर. जिला प्रशासन और एक निजी विश्वविद्यालय की ओर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई 'शेयरिंग केयरिंग' हेल्पलाइन (7428518030) लॉकडाउन की अवधि में वरिष्ठ नागरिकों का सहारा बन रही है. अपनी समस्या का समाधान होने पर बुजुर्ग खुश होकर मदद करने वालों की मदद भी कर रहे है.
ये हेल्पलाइन हाल ही में बुजुर्गों के लिए चिकित्सा, किराना, दवाइयों संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू की गई थी. इस हेल्पलाइन की शुरुआत जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने की थी. इस हेल्पलाइन पर हर दिन 80 से ज्यादा कॉल आ रही है. 60 से लेकर 97 वर्ष तक की उम्र के बुजुर्ग भोजन, आवास, दवाइयों और राशन से संबंधित समस्याओं को लेकर फोन कर रहे हैं.
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20 फीसदी वरिष्ठ नागरिकों ने लॉकडाउन पीरियड में अपने बच्चों की ओर से देखभाल न किए जाने की बात कही है, जबकि कई 25 फीसदी बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके बच्चे इस समय उनसे दूर हैं. इसके चलते उनकी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. इनमें करीब 20 फीसदी ऐसे बुजुर्ग हैं, जो अकेलेपन से परेशान हैं और डिप्रेशन में हैं. ये आंकड़े प्रशासन और निजी विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास के दौरान वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन 'शेयरिंग केयरिंग' के जरिए निकल कर सामने आए.
जिला प्रशासन की ओर से शुरू की गई इस अभिनव पहल से वरिष्ठ नागरिकों को ना केवल आवश्यकता की वस्तुएं (जैसे- दवाइयां, राशन और भोजन) मिल रही है, बल्कि बहुत से वरिष्ठ नागरिकों को मनोवैज्ञानिक तरीके से काउंसलिंग कर उनकी समस्या का भी समाधान किया जा रहा है. बुजुर्गों की समस्या को सुनने के बाद इसकी सत्यता को प्रमाणित कर जिला प्रशासन और विभिन्न एनजीओ के माध्यम से सहायता की जा रही है.
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हेल्पलाइन के नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला कलेक्टर (द्वितीय) पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि शेयरिंग केयरिंग हेल्पलाइन पर आ रहे हर कॉल को गंभीरता से लिया जा रहा है. इस अभिनव पहन के माध्यम से वरिष्ठ नागरिक अपने मन की बात, आवश्यकता और तकलीफ को शेयर कर सकते हैं. जिला प्रशासन और निजी विश्वविद्यालय के कार्मिक मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयास करते हैं.
राउंड दी क्लॉक कार्य कर रही है टीम
हेल्पलाइन के समन्वयक डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि निजी विश्वविद्यालय की 12 सदस्यीय टीम 24 घंटे अलग-अलग शिफ्ट में कार्य कर रही है. इनमें से एक टीम 'कॉल टीम' है, जो हेल्पलाइन नंबर पर कॉल प्राप्त करती है. ये टीम वरिष्ठ नागरिकों के साथ संवाद स्थापित कर काउंसलिंग कर रही है. दूसरी टीम 'सेवा प्रदाता टीम' आवश्यक सेवा प्रदान करने के लिए समस्या का समाधान करने के लिए संबंधित सेवा प्रदाता से संपर्क करती है और डाटाबेस तैयार करती है.
पहुंची दवाई तो हुए खुश हुए बुजुर्ग दंपति
मालवीय नगर में रहने वाले बुजुर्ग की 72 साल की पत्नी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. कई जगह दिखाने के बाद जब कोई नतीजा नहीं निकला तो उन्होंने आयुर्वेदिक क्लीनिक से उपचार शुरू किया. आयुर्वेदिक दवाओं ने असर भी दिखाना शुरू कर दिया. लेकिन, लॉकडाउन में दवाइयां भी खत्म हो गई. इसी बीच उन्हें इस शेयरिंग केयरिंग हेल्पलाइन की जानकारी मिली तो उन्होंने इस हेल्पलाइन पर संपर्क किया. हेल्पलाइन के जरिए उन्हें आयुर्वेदिक क्लीनिक से दवाईयां उनके घर पहुंचाने में मदद की गई. इस वजह से वो काफी खुश हुए.
दवाइयां उपलब्ध हुईं तो दिया आशीर्वाद
जौहरी बाजार में रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग का हाल ही में आंखों का ऑपरेशन हुआ है. उन्हें आई ड्रॉप और दवाइयों की आवश्यकता थी. उनकी पत्नी ने हेल्पलाइन पर फोन कर मदद मांगी. शेयरिंग केयरिंग टीम के सदस्यों द्वारा संबंधित सेवा प्रदाता द्वारा दवाईयां उपलब्ध कराई गई. इस हेल्पलाइन से सहायता पाकर वो गदगद हो उठे और आशीर्वाद दिया.
बेसहारा बुजुर्ग महिला का सहारा बनी हेल्पलाइन
71 साल की बुजुर्ग महिला मालवीय नगर में अकेली रहती है. पति की मौत हो चुकी है. बुजुर्ग महिला को एक आंख से कम दिखता है. उनकी इकलौती विधवा बेटी भी उनसे दूर रहती है. लॉकडाउन के कारण बेबस और हताश थी. उनके पड़ोसी ने हेल्पलाइन पर फोन कर सूखा राशन उपलब्ध करवाने की बात कही. तब तत्काल हेल्पलाइन के समन्वयक डॉ. उमेश गुप्ता ने सूखा राशन उपलब्ध करवाया.