जयपुर: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) का आज बुधवार को आठवां दिन है और अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. इसे महाष्टमी भी कहते हैं. नवरात्रि की अष्टमी को मां भगवती के महागौरी (Devi Mahagauri) स्वरूप की पूजा की जाती है.
मान्यता है कि माता महागौरी अपने भक्तों के सभी बिगड़े काम बनाती है. इन्हें सफेद और पीले फूल पसंद है. हलवे और काले चने का भोग लगाने से देवी महागौरी प्रसन्न होती है.
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क्यों कहते हैं महागौरी? (Why Named Mahagauri)
देवी के इस स्वरूप का रंग अत्यंत गोरा है. इसलिए इन्हें महागौरी (Mahagauri) के नाम से पुकारते हैं. मान्यता है कि मां महागौरी अपनी कृपा दृष्टि से भक्तों के सारे बिगड़े काम बनाती है.
किससे होती हैं मां प्रसन्न!
देवी महागौरी को सफेद और पीले रंग के पुष्प पसंद है. हलवा व काले चने का भोग लगाने से देवी महागौरी जल्द प्रसन्न होती है. अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
कौन करे मां का पूजा-अर्चन!
ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह नीच के या अस्त हैं. उन जातकों को विशेष रूप से देवी महागौरी (Devi Mahagauri) की पूजा करनी चाहिए.
तुलसी के पौधे का यह उपाय करने से पूरी होती है मनोकामना (Tulsi Upay)
घर में लगे तुलसी के पौधे (Tulsi) के चारों तरफ नौ दीपक कर लें. जितनी संभव हो सके. उतनी उनके परिक्रमा करें. इस दौरान मां भगवती का स्मरण करते रहें या उनके मंत्रों का जाप करते रहें. जो भी आपकी मनोकामना है. उसे.पूरी करने की आप देवी भगवती से प्रार्थना करें. इस उपाय से आपकी मनोकामना देवी भगवती जल्द से जल्द पूरा करेगी.
देवी महागौरी का मंत्र (Mahagauri Mantra)
श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददो।।