जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में गुरुवार को हुई जनसुनवाई में एक ऐसा भी मामला आया जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. ये वाकया है कांग्रेस से उनियारा के टिकट के दावेदार रहे और वर्तमान में टोंक में व्याख्याता पद पर आसीन प्रो. विक्रम गुर्जर की, जो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के कट्टर समर्थक माने जाते हैं.
गुर्जर ने आज जनसुनवाई के दौरान मंत्री लाल चंद कटारिया को अपनी तबादले की परिवेदना रखी. बाद में मीडिया से बात करते हुए विक्रम गूर्जर ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी पर धमकाने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में अब भी आरएसएस आईडियोलॉजी के लोग मुख्य सीटों पर बैठे हैं. जबकि सैक्यूलर विचारधारा के लोगों को पिछली सरकार ने चुन-चुन कर हजारों किमी दूर स्थानांतरित कर दिया था. गुर्जर ने कहा कि सरकार बदलने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि अब आरएसएस के ऐसे कर्मचारियों को हटाया जाएगा, साथ ही सैक्यूलर विचारधारा के अधिकारियों-कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय उनका तबादला भीनमाल राजनीतिक द्वेष के चलते किया गया था. लेकिन वो अब भी टोंक में कार्यरत हैं, जिसकी परिवदेना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ-साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी को भेजी है. बावजूद इसके अब तक कोई फायदा नहीं हुआ है. इसके आगे उन्होंने कहा कि मंत्री के ओएसडी खुद ही आरएसएस से जुड़े हैं तो ऐसे में उनको न्याय कैसे मिलेगा. पांच साल तक जो भाजपा सरकार में प्रताड़ित हुए वो अब भी प्रताड़ित हैं. हमें प्रताड़ित इसलिए किया गया कि हम सैक्यूलर आईडियोलॉजी के थे.
गुर्जर ने कहा कि वो लगातार उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी से मिल रहे हैं, लेकिन वो उनकी कोई बात नहीं सुनते नहीं हैं और साथ ही उन्हें धमकाते भी हैं. गुर्जर ने कहा कि इस बारे में जब वो भाटी से बात करते हैं तो भाटी उनको आंख दिखाते हैं. एक प्रोफेसर के लिए तो यही बहुत होता है. वहीं, इस मामले पर बोलते हुए मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने का हक है. ऐसे में विक्रम गुर्जर ने भी अपनी बात रखी है.