जयपुर. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा नेताओं को एकजुट करने के लिए पार्टी नेतृत्व में राजस्थान से जुड़े नेताओं को अलग-अलग टास्क दिया है. इसके तहत अब पार्टी से जुड़े पूर्व विधायक सांसद और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उम्रदराज नेताओं को भी मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा.
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इसके लिए जल्द ही पार्टी के अलग-अलग अभियान और विभिन्न नियुक्तियों में इन नेताओं को दायित्व मिल सकता है. वहीं, जिला स्तर पर इन नेताओं से समन्वय की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. पार्टी के निर्देश के बाद राजस्थान के विभिन्न जिलों में क्षेत्र के वरिष्ठ और उम्रदराज भाजपा नेताओं से संपर्क का काम शुरू किया जा रहा है. यह जिम्मेदारी स्थानीय जिला इकाई के अध्यक्ष और वहां से आने वाले पार्टी के पदाधिकारियों को सौंपी गई है.
समय-समय पर वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन लेकर उम्रदराज नेताओं से संपर्क रखा जाए इसके निर्देश दिए गए हैं. ताकि ये नेता खुद को पार्टी के प्रति ना केवल पहले की तरह सक्रिय रखे बल्कि उनके अनुभव का लाभ भी प्रदेश भाजपा को मिले और कहीं कोई गुटबाजी है तो उन्हें इन वरिष्ठ राजनेताओं की सहायता से थामा जा सके. प्रदेश भाजपा में चल रही उठा-पटक के बीच पार्टी आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को भी नई जिम्मेदारी सौंपी है.
अरुण सिंह अब अलग-अलग जिलों का संगठनात्मक प्रवास करेंगे. इसकी शुरुआत राजस्थान में करौली और भरतपुर जिले के उनके प्रवास से हो चुकी है. जल्द ही अन्य जिलों में भी वह संगठनात्मक प्रवास करेंगे और इस दौरान वहां के वरिष्ठ उम्रदराज और पूर्व विधायक सांसद अन्य पदाधिकारियों से संपर्क भी करेंगे. इस दौरान मकसद केवल यही है कि पार्टी के भीतर जिला स्तर तक हो रही गुटबाजी और खेमेबाजी को थामा जाए और आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा को अजेय बनाया जाए.
पिछले दिनों हुई प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की अहम बैठक के दौरान पार्टी के तमाम नेताओं को प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने यही मंत्र दिया था और राजस्थान की जो रिपोर्ट पार्टी आलाकमान तक पहुंची थी उसके बाद संगठन को मजबूत करने के काम में और सक्रियता आ गई है.
राजस्थान भाजपा में प्रदेश नेतृत्व के परिवर्तन के साथ ही बहुत कुछ परिवर्तन हो जाता है. हालांकि संगठन ने पद सीमित रखे हैं, लेकिन पार्टी चाहती है कि विभिन्न अभियानों या अन्य तरीकों से इन नेताओं को लगातार पार्टी में सक्रिय रखा जाए. जिससे उनमें नाराजगी भी ना रहे और पार्टी में किसी प्रकार की खेमेबाजी को हवा भी ना मिले.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी बताते है कि पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष पूर्व विधायक और पूर्व सांसद का अपने अपने क्षेत्र में विशेष प्रभाव होता है और पार्टी विभिन्न फोरम के जरिए उन्हें सक्रिय करती आई है और कर भी रही है.