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'आज की पीढ़ी मोबाइल का गलत इस्तेमाल कर रही है' - संगोष्ठी का हुआ आयोजन

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर राजस्थान विश्विद्यालय के मानविकी पीठ सभागार में मनोविज्ञान विभाग की ओर से 'मानसिक स्वास्थ्य' वृद्धि के लिए समग्र रणनीति विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

जयपुर, seminar organized
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Published : Oct 10, 2019, 5:13 PM IST

जयपुर. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ. मधु जैन ने बताया कि आज के लोगों में बहुत सारी समस्याएं हैं, जिनकी वजह से वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं.

मोबाइल डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है, क्योंकि आज की पीढ़ी मोबाइल का गलत इस्तेमाल कर रही है. वहीं, मोबाइल से निकलने वाली किरणें छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है.

जयपुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी

इसी कड़ी में प्रोफेसर दीपक भटनागर ने बताया कि तेजी से बदलते माहौल में हमारे शरीर और मन पर जो असर पड़ता है उसे तनाव कहते हैं. कई लोग अपने तनाव को दूसरे से साझा नहीं करते हैं और अकेले एक कमरे में बंद होकर घुटते रहते हैं. दिन का तनाव दूर करने के लिए हमें हमारे सुख-दुख को दूसरों से साझा करना चाहिए, ताकि मन हल्का हो सके.

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डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि मन की शांति के लिए नियमित रूप से आधे घंटे व्यायाम करना चाहिए और रोजाना मैडिटेशन करना चाहिए, ताकि डिप्रेशन दूर हो सके.

जयपुर. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ. मधु जैन ने बताया कि आज के लोगों में बहुत सारी समस्याएं हैं, जिनकी वजह से वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं.

मोबाइल डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है, क्योंकि आज की पीढ़ी मोबाइल का गलत इस्तेमाल कर रही है. वहीं, मोबाइल से निकलने वाली किरणें छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है.

जयपुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी

इसी कड़ी में प्रोफेसर दीपक भटनागर ने बताया कि तेजी से बदलते माहौल में हमारे शरीर और मन पर जो असर पड़ता है उसे तनाव कहते हैं. कई लोग अपने तनाव को दूसरे से साझा नहीं करते हैं और अकेले एक कमरे में बंद होकर घुटते रहते हैं. दिन का तनाव दूर करने के लिए हमें हमारे सुख-दुख को दूसरों से साझा करना चाहिए, ताकि मन हल्का हो सके.

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डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि मन की शांति के लिए नियमित रूप से आधे घंटे व्यायाम करना चाहिए और रोजाना मैडिटेशन करना चाहिए, ताकि डिप्रेशन दूर हो सके.

Intro:जयपुर- विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर राजस्थान विश्विद्यालय के मानविकी पीठ सभागार में मनोविज्ञान विभाग की ओर से 'मानसिक स्वास्थ्य वृद्धि के लिए समग्र रणनीति' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विकलांग संसाधन केंद्र की निदेशक रेणु सिंह और डॉ नरेंद्र कुमार ने मानसिक स्वास्थ्य के नियमन में यौगिक दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। इसी बीच स्टूडेंट्स के साथ विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई।


Body:विभागाध्यक्ष डॉ मधु जैन ने बताया कि आज के लोगों में बहुत सारी समस्याएं है जिनकी वजह से वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठते है। मोबाइल डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है। क्योंकि आज की पीढ़ी मोबाइल का गलत इस्तेमाल कर रही है साथ ही मोबाइल से निकलने वाली किरणे छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है। प्रोफेसर दीपक भटनागर ने बताया कि तेजी से बदलते माहौल में हमारे शरीर और मन पर जो असर पड़ता है उसे तनाव कहते है। कई लोग अपने तनाव को दूसरे से साझा नहीं करते है और अकेले एक कमरे में बंद होकर गुटते रहते है। दिन का तनाव दूर करने के लिए हमें हमारे सुख दुख को दूसरों से शेयर करना चाहिए ताकि मन हल्का हो सके। डॉ नरेंद्र कुमार ने बताया कि मन की शांति के लिए नियमित रूप से आधे घंटे व्यायाम करना चाहिए। रोजाना मैडिटेशन करे ताकि डिप्रेशन दूर हो सके।

बाईट- डॉ मधु जैन, विभागध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग


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