जयपुर. राजस्थान में भले ही चुनाव में अभी ढाई साल शेष हो लेकिन राजपूत समाज भाजपा और कांग्रेस में जनप्रतिनिधियों के हालात के अनुसार यह देखना शुरु कर चुका है कि किस पार्टी में उनको ज्यादा तवज्जों मिल रही है और कौन सी पार्टी के साथ राजपूत समाज को रहना चाहिए. यही कारण है की राजपूत समाज के प्रताप फाउंडेशन की ओर से कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के साथ श्री प्रताप फाउंडेशन की ओर से जयपुर के संघ शक्ति में कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के साथ "राजपूत समाज और कांग्रेस" विषय पर विचार गोष्ठी रखी जा रही है.
इस विचार गोष्ठी में कांग्रेस पार्टी से जुड़े विजयी जनप्रतिनिधियों और संगठन के पदाधिकारियों को बुलाया गया है. प्रताप फाउंडेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी ने इस बारे में बताया कि राजपूत समाज के चाहे उपचुनाव हों या मुख्य चुनाव कांग्रेस की मदद करते हैं, लेकिन हम आपस में बैठकर यह निर्णय करेंगे कि कांग्रेस पार्टी में सामाजिक दृष्टिकोण से राजपूत समाज की पूछ होती है या नहीं. इसके साथ ही इस विचार गोष्ठी का दूसरा उद्देश्य यह भी है कि कांग्रेस पार्टी और राजपूत समाज में आपसी समझ कैसी हैं. पार्टी राजपूत की उपेक्षा करती है या राजपूत को आगे बढ़ाती है.
सरवड़ी ने कहा कि प्रताप फाउंडेशन भाजपा और कांग्रेस दोनों के जनप्रतिनिधियों को एक साथ भी बुला चुके हैं, वहां भी वैचारिक दृष्टिकोण से लोगों ने अपनी बात रखी थी. उसी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब कांग्रेस और बीजेपी जो दोनों पार्टियां अलग विचार रखती हैं. दोनों पार्टियों के विचार भी अलग हैं. दोनों पार्टी में समाज की स्थिति भी अलग है. उसी हिसाब से हम दोनों पार्टियों के जनप्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकर विचार गोष्ठी के माध्यम से मिलेंगे.