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गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ, देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की होगी आराधना - jaipur news

सोमवार से गुप्त नवरात्रों का शुभारंभ हुआ है. ऐसे में कोरोना को लेकर देवी मां के मंदिरों के पट बंद रहेंगे. ऐसे में घर में रहकर भक्तजन देवी दुर्गा के अलग-अलग रूप की आराधना कर मां दुर्गा को प्रसन्न कर सकता है.

Secret Navratri started, गुप्त नवरात्रि का हुआ शुभारंभ
गुप्त नवरात्रि का हुआ शुभारंभ
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Published : Jun 22, 2020, 9:50 PM IST

जयपुर. सोमवार से गुप्त नवरात्रों का शुभारंभ हो चुका है. इन दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी. आषाढ़ शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रा भडल्या नवमी तक रहेगी. हालांकि कोरोना काल में देवी मां के मंदिरों के पट बंद है, ऐसे में घर रहकर भक्तजन देवी दुर्गा के अलग-अलग रूप की आराधना कर मां दुर्गा को प्रसन्न कर सकता है.

ज्योतिष परिषद और शोध संस्थान निदेशक ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार सालभर में चार बार ऋतुओं के संधिकाल में नवरात्र आती हैं. जिसमें आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि गुप्त मानी जाती हैं, जो कि इस बार 22 जून से 29 जून तक रहेगी. चैत्र और आश्विन मास की नवरात्रि सामान्य होते हैं.

गुप्त नवरात्रि का हुआ शुभारंभ

वहीं गुप्त नवरात्र में विशेष रूप से 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है. ये 10 महाविद्याएं काली, तारादेवी, त्रिपुर-सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरी भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी है. उन्होंने बताया कि, जो भक्त गुप्त नवरात्र में देवी दुर्गा की सामान्य पूजा करना चाहते हैं, वे देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा भी कर सकते हैं.

पढ़ें- विशेष : भारत-नेपाल के रिश्तों में खटास, जानें इसके पीछे चीन तो नहीं

ये नौ स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री है. वहीं ऋतुओं के संधिकाल में मौसमी बीमारी का असर बढ़ जाता है. इस समय में खानपान संबंधी सावधानियां रखनी चाहिए. ऐसे में नवरात्र में व्रत, उपवास करने से खानपान के संबंध में होने वाली लापरवाही से बचा जा सकता है. इन दिनों में ऐसे खानपान से बचना चाहिए जो आसानी से पचता नहीं है. वहीं अधिक से अधिक हल्का भोजन और फलाहार करना चाहिए.

जयपुर. सोमवार से गुप्त नवरात्रों का शुभारंभ हो चुका है. इन दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी. आषाढ़ शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रा भडल्या नवमी तक रहेगी. हालांकि कोरोना काल में देवी मां के मंदिरों के पट बंद है, ऐसे में घर रहकर भक्तजन देवी दुर्गा के अलग-अलग रूप की आराधना कर मां दुर्गा को प्रसन्न कर सकता है.

ज्योतिष परिषद और शोध संस्थान निदेशक ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार सालभर में चार बार ऋतुओं के संधिकाल में नवरात्र आती हैं. जिसमें आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि गुप्त मानी जाती हैं, जो कि इस बार 22 जून से 29 जून तक रहेगी. चैत्र और आश्विन मास की नवरात्रि सामान्य होते हैं.

गुप्त नवरात्रि का हुआ शुभारंभ

वहीं गुप्त नवरात्र में विशेष रूप से 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है. ये 10 महाविद्याएं काली, तारादेवी, त्रिपुर-सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरी भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी है. उन्होंने बताया कि, जो भक्त गुप्त नवरात्र में देवी दुर्गा की सामान्य पूजा करना चाहते हैं, वे देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा भी कर सकते हैं.

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ये नौ स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री है. वहीं ऋतुओं के संधिकाल में मौसमी बीमारी का असर बढ़ जाता है. इस समय में खानपान संबंधी सावधानियां रखनी चाहिए. ऐसे में नवरात्र में व्रत, उपवास करने से खानपान के संबंध में होने वाली लापरवाही से बचा जा सकता है. इन दिनों में ऐसे खानपान से बचना चाहिए जो आसानी से पचता नहीं है. वहीं अधिक से अधिक हल्का भोजन और फलाहार करना चाहिए.

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