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SPECIAL: ऑटो चालकों के लिए परिवार की 'गाड़ी' चलाना हुआ मुश्किल

कोरोना संकट की इस घड़ी में ऑटो चालकों के सामने खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने की चुनौती है. अब आमदनी बुरी तरह प्रभावित होने से शहर के कई ऑटो चालक उधार लेकर अपना परिवार पालने को भी मजबूर हैं.

Auto driver condition in corona,  Corona in Rajasthan
ऑटो चालकों के लिए परिवार की 'गाड़ी' चलाना हुआ मुश्किल
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Published : May 9, 2021, 10:58 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर राजस्थान में कहर बरपा रही है. कमोबेश हर तबके पर इसका असर दिख रहा है. लेकिन रोज कमाकर अपना घर चलाने वाले गरीब तबके के लोगों के सामने इस दौर में दोहरी चुनौती है. राजधानी जयपुर के ऑटो चालक भी इस दौर में दोहरी समस्या से जूझ रहे हैं.

ऑटो चालकों के लिए परिवार की 'गाड़ी' चलाना हुआ मुश्किल

पढ़ें-Special: बढ़ते संक्रमण के बीच अपराधियों को गिरफ्तार करना बड़ी चुनौती, पुलिस कर्मियों पर भी कोरोना का खतरा

ऑटो चालकों के लिए सवारी का संकट

राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पहले जन अनुशासन पखवाड़ा, फिर रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा चलाया. अब 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. पहले नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू भी लगाया गया था. जन अनुशासन पखवाड़ा और रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े में जरूरी वस्तुओं से जुड़ी दुकानें सुबह 11 बजे तक ही खोलने की छूट दी गई. ऐसे में ऑटो चालकों के सामने सवारियों का संकट खड़ा हो गया.

खर्च निकालना भी मुश्किल

ऑटो चालकों की मुसीबत यह है कि जैसे-तैसे सवारियां मिल भी जाती हैं तो गाइडलाइन की पालना करनी है. ऐसे में क्षमता से आधी सवारियां ही बैठा पाने के कारण खर्चा निकलना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.

Auto driver condition in corona,  Corona in Rajasthan
ऑटो

कैसे कमाएंगे, कैसे खाएंगे?

राजधानी जयपुर के परकोटे में ऑटो चलाकर अपने परिवार का गुजारा करने वाले अब्दुल शराफत बताते हैं कि आम दिनों में वे सुबह जल्दी अपना ऑटो लेकर निकलते थे तो दोपहर तक परिवार चलाने लायक आमदनी हो जाती थी. लेकिन इन दिनों में सवारियां तक नहीं मिल पा रही हैं.

कई बार तो दो-तीन दिन में मुश्किल से बोहनी हो पाती है. सुबह 11 बजे तक दुकानें खुलती है. तबतक आमदनी की कुछ उम्मीद बंधी रहती है लेकिन लेकिन 11 बजे बाद जब किसी के बाहर निकलने पर ही रोक है तो सवारियां मिलने की उम्मीद भी नहीं रहती है. कई बार तो बिना बोहनी के ही घर लौटना पड़ा. अब आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है.

पढ़ें-Special : मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी चरम पर, बीमार मरीजों के परिजनों से हो रही लूट

कर्ज लेकर घर चला रहे

अब्दुल शराफत के मुताबिक फिलहाल सख्ती कम होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. अब आलम यह है कि रोजमर्रा की जरूरत पूरा करने लायक कमाई भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में ब्याज पर रुपए लेकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं. जब हालात सामान्य होंगे तब उधार लिए रुपए चुका देंगे. फिलहाल तो इसी उम्मीद में हालात से संघर्ष करना मजबूरी बन चुका है.

Auto driver condition in corona,  Corona in Rajasthan
सड़क पर ऑटो

परेशानी ही परेशानी

एक अन्य ऑटो चालक रमेश शर्मा बताते हैं कि अभी तो परेशानी ही परेशानी है। एक तरफ सवारियों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. कभी कभार सवारियां मिल भी जाती हैं तो अनुमति दो ही सवारियों को बिठाने की है. दो सवारियों को छोड़कर आते हैं तो रास्ते में कई जगह पुलिस की चेक पोस्ट पर जवाब देना पड़ता है. कई बार चेक पोस्ट से पुलिस अंदर नहीं आने देती तो दूसरे रास्ते से घूमकर वापस आना पड़ता है. ऐसे में जितना सवारी से किराया मिलता है, उतने ही ईंधन में खर्च हो जाते हैं.

सवारियों की कमी और पुलिस की सख्ती

ऑटो चालकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से जैसे-तैसे बच भी जाएंगे तो आर्थिक परेशानी के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा है. ऑटो चालक अपने परिवार के साथ जयपुर में किराए के मकान में रहते हैं. इन दिनों जो आमदनी हो रही है, वह परिवार के लिए राशन का इंतजाम करने और ऑटो के ईंधन और मेंटनेंस के लिए ही पूरी नहीं पड़ रही है. ऐसे में मकान का किराया और अन्य खर्चे भी नहीं निकल पा रहे हैं.

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ऑटो

कोरोना संक्रमण की वजह से कम मिलती है सवारी

ऑटो चालक शबीक का कहना है कि कोरोना संकट के इस दौर में ट्रेन और बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. ऐसे में सवारियां नहीं मिलने से कई बार इंतजार में ही पूरा दिन निकल जाता है. पहले परिवार का गुजारा चलाने लायक आमदनी तो हो ही जाती थी, लेकिन अब तो बड़ी मुश्किल से गुजारा हो पाता है. संक्रमण के खतरे के चलते सवारियां भी ऑटो में कम ही बैठती हैं. ऐसे में उनके लिए परिवार का गुजारा करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.

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सवारी के इंतजार में ऑटो चालक

लॉकडाउन ने बढ़ाई मुसीबत

कोरोना संकट के चलते अब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. प्रदेशभर में 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन रहेगा. ऐसे में ऑटो चालकों के लिए हालात और विकट होने की संभावना है.

जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर राजस्थान में कहर बरपा रही है. कमोबेश हर तबके पर इसका असर दिख रहा है. लेकिन रोज कमाकर अपना घर चलाने वाले गरीब तबके के लोगों के सामने इस दौर में दोहरी चुनौती है. राजधानी जयपुर के ऑटो चालक भी इस दौर में दोहरी समस्या से जूझ रहे हैं.

ऑटो चालकों के लिए परिवार की 'गाड़ी' चलाना हुआ मुश्किल

पढ़ें-Special: बढ़ते संक्रमण के बीच अपराधियों को गिरफ्तार करना बड़ी चुनौती, पुलिस कर्मियों पर भी कोरोना का खतरा

ऑटो चालकों के लिए सवारी का संकट

राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पहले जन अनुशासन पखवाड़ा, फिर रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा चलाया. अब 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. पहले नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू भी लगाया गया था. जन अनुशासन पखवाड़ा और रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े में जरूरी वस्तुओं से जुड़ी दुकानें सुबह 11 बजे तक ही खोलने की छूट दी गई. ऐसे में ऑटो चालकों के सामने सवारियों का संकट खड़ा हो गया.

खर्च निकालना भी मुश्किल

ऑटो चालकों की मुसीबत यह है कि जैसे-तैसे सवारियां मिल भी जाती हैं तो गाइडलाइन की पालना करनी है. ऐसे में क्षमता से आधी सवारियां ही बैठा पाने के कारण खर्चा निकलना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.

Auto driver condition in corona,  Corona in Rajasthan
ऑटो

कैसे कमाएंगे, कैसे खाएंगे?

राजधानी जयपुर के परकोटे में ऑटो चलाकर अपने परिवार का गुजारा करने वाले अब्दुल शराफत बताते हैं कि आम दिनों में वे सुबह जल्दी अपना ऑटो लेकर निकलते थे तो दोपहर तक परिवार चलाने लायक आमदनी हो जाती थी. लेकिन इन दिनों में सवारियां तक नहीं मिल पा रही हैं.

कई बार तो दो-तीन दिन में मुश्किल से बोहनी हो पाती है. सुबह 11 बजे तक दुकानें खुलती है. तबतक आमदनी की कुछ उम्मीद बंधी रहती है लेकिन लेकिन 11 बजे बाद जब किसी के बाहर निकलने पर ही रोक है तो सवारियां मिलने की उम्मीद भी नहीं रहती है. कई बार तो बिना बोहनी के ही घर लौटना पड़ा. अब आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है.

पढ़ें-Special : मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी चरम पर, बीमार मरीजों के परिजनों से हो रही लूट

कर्ज लेकर घर चला रहे

अब्दुल शराफत के मुताबिक फिलहाल सख्ती कम होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. अब आलम यह है कि रोजमर्रा की जरूरत पूरा करने लायक कमाई भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में ब्याज पर रुपए लेकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं. जब हालात सामान्य होंगे तब उधार लिए रुपए चुका देंगे. फिलहाल तो इसी उम्मीद में हालात से संघर्ष करना मजबूरी बन चुका है.

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सड़क पर ऑटो

परेशानी ही परेशानी

एक अन्य ऑटो चालक रमेश शर्मा बताते हैं कि अभी तो परेशानी ही परेशानी है। एक तरफ सवारियों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. कभी कभार सवारियां मिल भी जाती हैं तो अनुमति दो ही सवारियों को बिठाने की है. दो सवारियों को छोड़कर आते हैं तो रास्ते में कई जगह पुलिस की चेक पोस्ट पर जवाब देना पड़ता है. कई बार चेक पोस्ट से पुलिस अंदर नहीं आने देती तो दूसरे रास्ते से घूमकर वापस आना पड़ता है. ऐसे में जितना सवारी से किराया मिलता है, उतने ही ईंधन में खर्च हो जाते हैं.

सवारियों की कमी और पुलिस की सख्ती

ऑटो चालकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से जैसे-तैसे बच भी जाएंगे तो आर्थिक परेशानी के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा है. ऑटो चालक अपने परिवार के साथ जयपुर में किराए के मकान में रहते हैं. इन दिनों जो आमदनी हो रही है, वह परिवार के लिए राशन का इंतजाम करने और ऑटो के ईंधन और मेंटनेंस के लिए ही पूरी नहीं पड़ रही है. ऐसे में मकान का किराया और अन्य खर्चे भी नहीं निकल पा रहे हैं.

Auto driver condition in corona,  Corona in Rajasthan
ऑटो

कोरोना संक्रमण की वजह से कम मिलती है सवारी

ऑटो चालक शबीक का कहना है कि कोरोना संकट के इस दौर में ट्रेन और बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. ऐसे में सवारियां नहीं मिलने से कई बार इंतजार में ही पूरा दिन निकल जाता है. पहले परिवार का गुजारा चलाने लायक आमदनी तो हो ही जाती थी, लेकिन अब तो बड़ी मुश्किल से गुजारा हो पाता है. संक्रमण के खतरे के चलते सवारियां भी ऑटो में कम ही बैठती हैं. ऐसे में उनके लिए परिवार का गुजारा करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.

Auto driver condition in corona,  Corona in Rajasthan
सवारी के इंतजार में ऑटो चालक

लॉकडाउन ने बढ़ाई मुसीबत

कोरोना संकट के चलते अब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. प्रदेशभर में 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन रहेगा. ऐसे में ऑटो चालकों के लिए हालात और विकट होने की संभावना है.

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