जयपुर. जिन स्कूलों ने ऑनलाइन शिक्षा देने के नाम पर ट्यूशन फीस ली है. उन्हें ऑनलाइन कक्षा लगानी होगी. फीस लेने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कराने की शिकायत मिली तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये कहना है प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का. प्रदेश में प्राइवेट स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच फीस को लेकर छिड़े विवाद के बीच गोविंद सिंह डोटासरा का ये बयान आया है.
प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर अब स्कूल संचालक और अभिभावक सीधे तौर पर आमने-सामने हो गए हैं. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल के तत्वावधान में निजी स्कूलों के हजारों शिक्षक राज्यपाल तक अपनी पीड़ा पहुंचाने के लिए राजभवन कूच करेंगे. 10 नवंबर को सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर धरना भी देंगे. वहीं अभिभावक संयुक्त संघ ने राज्य सरकार पर पीठ पीछे स्कूल संचालकों को संरक्षण देकर अभिभावकों की आवाज को दबाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. इस बीच ऑनलाइन क्लास के नाम पर ली जा रहे फीस को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का बयान आया है.
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उन्होंने फीस लेने के बाद अपनी गैर वाजिब मांग मनवाने के लिए ऑनलाइन क्लास नहीं लेना अनुचित बताया है. साथ ही कहा कि हाईकोर्ट में निजी स्कूल संचालक गए थे, ना कि सरकार. हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था, जो सभी से चर्चा के बाद पेश कर दिया है. फीस को लेकर अब अंतिम फैसला हाईकोर्ट को करना है. स्कूल संचालक ये नहीं कह सकते कि सरकार ने कोई गलत फैसला लिया है. वहीं उन्होंने साफ कर दिया कि जिन स्कूलों ने ऑनलाइन शिक्षा देने के नाम पर ट्यूशन फीस ली है, उन्हें ऑनलाइन कक्षा लगानी होगी. फीस के बाद ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कराने की शिकायत मिली, तो संबंधित स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी और जब भी स्कूल खुलेंगे छात्रों का तय पाठ्यक्रम पूरा करना होगा.