जयपुर. स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 में कम किए गए 689 पदों को फिर से जोड़ने की मांग (School Lecturer Recruitment aspirants demand) एक बार फिर जोर पकड़ रही है. इस मांग को लेकर बेरोजगार अभ्यर्थी एक बार फिर लामबंद होने लगे हैं. आज बेरोजगार अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है.
स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 में निकाली गई थी. फिर जून 2019 में एमबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू किया गया. लेकिन इस भर्ती में शैडो पद स्थापित नहीं किए गए, बल्कि सामान्य और ओबीसी वर्ग के पदों में कटौती कर दी गई. इसका खामियाजा सामान्य और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा और 689 अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए.
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इस भर्ती के अभ्यर्थी केशव का कहना है कि कम किए गए 689 पदों को बढ़ाने का वादा पूर्व शिक्षा मंत्री डोटासरा ने 8 अप्रैल, 2021 को सुजानगढ़ सीट पर उपचुनाव के दौरान कातर जनसभा में किया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उपतहसील कातर छोटी का उद्घाटन करने 29 अक्टूबर, 2021 को गए थे. उस दिन भी डोटासरा ने मुख्यमंत्री के सामने 689 पद बढ़ाने की घोषणा की थी. नवंबर 2021 में मुख्यमंत्री ने 689 पद बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को जारी कर दिए थे. लेकिन अधिकारियों की तानाशाही के कारण अभी तक ये पद नहीं बढ़ाए गए हैं. ऐसे में इस भर्ती के अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने समय रहते उनकी मांग नहीं मानी तो डोटासरा के विधानसभा क्षेत्र में वे आमरण अनशन शुरू करेंगे.