जयपुर. कोरोना के खिलाफ जारी जंग में राजधानी का सवाई मान सिंह अस्पताल भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. जिस बीमारी का तोड़ विश्वभर के चिकित्सक खोज रहे हैं. उस बीमारी के 4 मरीजों को इस अस्पताल ने ठीक किया है. चिकित्सकों ने HIV, स्वाइन फ्लू और मलेरिया की दवा से कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर उनकी कोरोना रिपोर्ट को पॉजिटिव से नेगेटिव में तब्दील कर दिया. जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
कोरोना के मरीजों को ठीक करने के बाद सवाई मान सिंह अस्पताल ने एक नया आयाम स्थापित किया. हालांकि इसके बाद हार्टअटैक के चलते एक मरीज ने दम तोड़ दिया. इस सफलता के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया और कोरोना के इलाज में इस्तेमाल किए गए फॉर्मूले की जानकारी ली. जिससे अब अन्य पॉजिटिव मरीजों पर भी यह दवा आजमाई जा सके.
कोरोना पॉजिटिव 21 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव
अब तक कोरोना पॉजिटिव 21 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है और 11 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. हाल ही में SMS अस्पताल ने दो हार्ट ट्रांसप्लांट करके एक नया इतिहास भी दर्ज करवाया है और ऐसा करने वाला यह उत्तर भारत का पहला सरकारी अस्पताल है.
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अस्पताल में 42 वार्डों समेत कुल 6 हजार बेड
इस अस्पताल की नींव साल 1934 में रखी गई थी और इसका नाम जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय के नाम पर रखा गया. इस वक्त अस्पताल में 42 वार्डों समेत कुल 6 हजार बेड उपलब्ध हैं. अस्पताल में 255 डॉक्टर्स, 660 नर्स, रेजीडेंट चिकित्सक समेत 4 हजार से अधिक लोगों का स्टाफ काम कर रहा है. आमतौर पर यहां हर दिन करीब 9 से 10 हजार लोगों की ओपीडी रिकॉर्ड की जाती है. इस अस्पताल में अलग-अलग बीमारियों से जुड़े कुल 25 विभाग खोले गए हैं.
कोरोना का पहला केस
राजस्थान में 2 मार्च को पहला कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज सामने आया. इटली से आए एक सैलानियों के दल से यह मामला देखने को मिला. जहां इटली का मरीज पॉजिटिव पाया गया. जिसके बाद उसे सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जिसके 48 घंटे बाद ही उसकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई. ऐसे में राजस्थान में पहला मामला इटली के दंपति में देखने को मिला. जिसके बाद अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए विशेष इंतजाम किए गए और मेडिसिन विभाग से कुछ चिकित्सक भी विशेष तौर पर इलाज के लिए तैनात किए गए. जहां करीब 2 सप्ताह से अधिक लंबे इलाज के बाद तीन मरीजों को पॉजिटिव से नेगेटिव किया गया.
कोरोना का इलाज सफल
विश्वभर के चिकित्सकों के लिए परेशानी का सबब बना हुए कोरोना वायरस का तोड़ जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने निकाला. अस्पताल के चिकित्सकों ने चार मरीजों को एचआईवी, स्वाइन फ्लू और मलेरिया की दवा से ठीक किया. इसके तहत चिकित्सकों ने मरीजों को लोपिनावीर 200 mg, रिटोनावीर 50 mg, ओस्लेटामिविर और मलेरिया में काम आने वाली क्लोरीकीन दवाइयां मरीजों को दिन में दो बार दी. जिसके बाद मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव आए और उन्हें अस्पताल से भी डिस्चार्ज कर दिया गया. हालांकि इसके बाद हार्टअटैक के चलते एक मरीज ने दम तोड़ दिया था.
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रोबोट दे रहे मरीजों को खाना
सवाई मानसिंह अस्पताल में कोरोना वायरस का संक्रमण ना बढ़ सके, इसलिए आइसोलेशन वार्ड में रोबोट के जरिए दवाएं और खाने-पीने का समान पहुंचाया जा रहा है. अस्पताल की इस पहल से चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ समेत अन्य लोग संक्रमित होने से बच सकेंगे. संक्रमण के खतरे को देखते हुए अस्पताल में हाल ही में रोबोट तैनात किए गए थे.
ICMR ने ली जानकारी
चिकित्सा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रोहित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल के चिकित्सकों ने एचआईवी, मलेरिया और स्वाइन फ्लू की दवाओं से मरीजों को ठीक किया. जिसके बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने SMS अस्पताल से कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दी गई दवाओं के फॉर्मूले की जानकारी ली. जिससे कोरोना के अन्य मरीजों को भी यह दवा दी जा सके. अब तक 21 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव आ चुके हैं और 11 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है.