जयपुर. पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कई राज्यों ने इसे लागू करने से इंकार कर दिया है. राजस्थान की प्रदेश सरकार ने भी साफ किया है कि वह प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं करेगी. इस पर सतीश पूनिया ने कहा है कि केंद्र सरकार नागरिकता देने के विकल्प पर सोच रही है. नागरिकता केंद्र के सक्षम अधिकारी या ऑनलाइन तरीके से दी जा सकती है.
विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रस्ताव लाने के विरुद्ध विस्थापितों ने शुक्रवार को सहकार भवन के पास स्थित खाली मैदान पर धरना दिया. इस धरने में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष समेत पार्टी के कई नेता भी मौजूद रहे. इसमें पाक विस्थापितों ने भी भाग लिया.
भाजपा शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी, भाजपा नेता वासुदेव देवनानी के अलावा कई पदाधिकारी भी धरने में शामिल हुए. सतीश पूनिया ने कहा कि राज्य में कलेक्टर के माध्यम से नागरिकता दी जाती है, लेकिन केंद्र सरकार इसका विकल्प ढूंढ रही है. केंद्र के सक्षम अधिकारी या ऑनलाइन तरीके से भी नागरिकता दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि जो कानून सर्वोच्च सदन में पास हो गया है, वह रोका नहीं जा सकता. कांग्रेस सरकार सिर्फ लकीर पीटने का काम कर रही है. एक ओर तो कांग्रेस दलितों की हितैषी बनती है, दूसरी तरफ इस कानून का विरोध कर रही है. इस कानून के माध्यम से दलितों को भी फायदा होगा.
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सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि इस कानून को लेकर कांग्रेस दोगलापन अपना रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कथनी और करनी में फर्क है. हाल ही में जयपुर में सौ पाक विस्थापितों को जमीन का आवंटन किया गया. इसका मतलब सरकार उन्हें भारत का नागरिक समझती है और उनको पुनर्वास की आवश्यकता है.
ईसाइयों की भी सोचे कंग्रेस
पूनिया ने कहा कि सिर्फ वोट बैंक के लिए कांग्रेस गुमराह करने का काम कर रही है. एक कौम को प्रसन्न करने के लिए, राहुल गांधी और सोनिया को प्रसन्न करने के लिए वे इस कानून का विरोध कर रहे हैं. पूनिया ने कहा कि उनको प्रसन्न करने के लिए उन ईसाईयों की भी सोचनी चाहिए थी जो उनका मूल धर्म है.