जयपुर. कांग्रेस विधायक के बेटे पर दुष्कर्म के आरोप लगने के साथ ही एक बार फिर विपक्ष ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक ने विधायक के बेटे को दुष्कर्म में शामिल होने के मामले को निंदनीय बताया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (satish poonia target cm ashok gehlot) ने मुख्यमंत्री गहलोत और राजस्थान की कानून व्यवस्था पर हमला किया है. उन्होंंने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
विधायक के बेटे ने किया शर्मसार
राजस्थान में महिला सुरक्षा, बिगड़ी कानून व्यवस्था और आए दिन हो रहे दुष्कर्म और गैंगरेप के मामलों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि आज एक बार फिर से राजस्थान शर्मसार हुआ है. हालांकि कांग्रेस की सदन में बदजुबानी से लेकर और व्यभिचार की कहानी बहुत पुरानी रही है. कांग्रेस के तंदूर कांड से लेकर अजमेर के फोटो ब्लैकमेल काण्ड तक कई मामले हो चुके हैं. कांग्रेस इसी तरीके के चरित्र वाली पार्टी है और ऐसे ही इनके लोग हैं. आज एक बार फिर एक कांग्रेस विधायक के बेटे पर दुष्कर्म का आरोप लगा है. इससे राजस्थान की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. उसी फेहरिस्त में एक और मुकदमा जुड़ जाता है जो पौने सात लाख मुकदमों तक पहुंच गया है.
पढ़ें. Dausa Gangrape Case: 10वीं की छात्रा से गैंगरेप, विधायक के बेटे समेत 3 लोगों पर मुकदमा
मुखिया कुर्सी बचाने में लगा है
पूनिया ने कहा कि एक वर्ष में 6 हजार 337 दुष्कर्म की घटनाओं में एक कड़ी और जुड़ जाती है. ऐसा लगता है कि प्रदेश में कानून का राज खत्म हो गया है. गुंडों का, व्यभिचारियों का राज है जो इस बात को इंगित करता है कि इस तरीके के अपराधों को कांग्रेस सरकार का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो खुद गृहमंत्री हैं उनके लिए बेहद शर्मनाक बात है. सीएम गहलोत को अपनी कुर्सी बचाने की फिक्र ज्यादा है और बहन-बेटियों की आबरू की फिक्र नहीं है.
गजेंद्र सिंह ने किया ट्वीट
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की वारदात अत्यंत गंभीर है. इस घटना में राजगढ़ से विधायक जोहरीलाल मीना के पुत्र दीपक सहित तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसके सामाजिक-राजनीतिक सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच आवश्यक है. शेखावत ने कहा कि इस तरह के मामलों से राजनीतिज्ञों की छवि बिगड़ती है, जनता का विश्वास टूटता है. जनप्रतिनिधियों का दायित्व होना चाहिए कि वे अपराध तो रोकें ही, अपराधियों को भी स्वयं ही सामने लाएं. पीड़िता और परिवार के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.