जयपुर. केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे कुशल कोरोना प्रबंधन एवं प्रयासों को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में ऑक्सीजन सहित अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं को लेकर मोदी सरकार के प्रयास सराहनीय हैं. पूनिया ने कहा कि आज कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरा देश संघर्ष कर रहा है, जिसमें अचानक से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है.
पूनिया ने कहा कि केन्द्र सरकार देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के अनेक प्रयास करके हर संभव सहायता उपलब्ध करवा रही है. पीएम केयर्स फंड से शुरुआती समय में ही देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाए गया.
उन्होंने आगे कहा कि जयपुर के आरयूएचएस में 2500 एलपीएम, एसपीएमसी बीकानेर में 600 एलपीएम, एमडीएम जोधपुर में 3200 एलपीएम एवं अलवर मेडिकल कॉलेज में 600 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट की वित्तीय स्वीकृति के उपरांत भी राजस्थान सरकार ने कोई सुध नहीं ली. अन्यथा 1600 से अधिक ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रतिदिन राजस्थान में उत्पादित किये जाते. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान ना तो कोरोना प्रबंधन पर है और ना ही राज्य की जनता की चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने पर है, पूरा ध्यान सिर्फ सियासी बयानबाजी पर है और अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए केन्द्र पर झूठे आरोप लगाते हैं.
सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान को लिक्विड ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए केन्द्र के द्वारा नियत हिस्सा आवंटित भी किया गया. जिसमें आइनॉक्स एयर प्रॉडक्ट्स प्रा. लिमिटेड को 65 मेट्रिक टन से 100 मेट्रिक टन कर दिया गया और साथ ही जामनगर के रिलायंस प्लांट से 35 मेट्रिक टन को 40 मेट्रिक टन तक बढ़ा दिया गया है. ये पूरे देश की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता एवं राज्यों की आवश्यकता के अनुसार मैपिंग करके आवंटित किया गया है. जामनगर से गुजरात ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भारतीय वायु सेना द्वारा एयर लिफ्ट करके लिक्विड ऑॅक्सीजन जोधपुर पहुंचाई जा रही है.
पूनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तरीय मीटिंग कर ऑॅक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़े फैसले लिए हैं. जिसमें मेडिकल ऑक्सीजन उसके उपकरणों और कोरोना वैक्सीन पर 3 महीने के लिए कस्टम डयूटी और हेल्थ सेस को माफ कर दिया गया है. पूनिया ने कहा कि, ऑक्सीजन की आपूर्ति को यूजर तक पहुंचाने के टैंकर की भी कमी आ रही है, इसको दूर करने के लिए एलएनजी टैंकर को ऑक्सीजन टैंकर में बदलने के लिए भारत सरकार के केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिजय मंत्रालय के उद्योग सवंर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग डीपीआइआइटी पेट्रोलियम एवं एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गेनाइजेशन के द्वारा एसओपी भी जारी कर दी गई है, और शीघ्रता से टैंकर के ऑक्सीजन के लिए अनुमति दी जा रही है.