जयपुर. दारा सिंह एनकाउंटर प्रकरण में नया मोड़ आने के बाद प्रदेश भाजपा नेताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है. न्यायालय ने दारा सिंह के बेटे के परिवार में उसकी मां को डरा धमकाकर पक्षद्रोही करवाने की शिकायत की थी, जिस पर न्यायाधीश कोमल मोटियार ने बनीपार्क थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं. अब अधिकतर भाजपा नेता इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं.
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया खुद को इस मामले से अनभिज्ञ बताते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा और जो इस मामले से जुड़े हैं वे भी कानूनी रूप से ही अपना कदम उठाएंगे. दरअसल, इस मामले में पूर्व मंत्री और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ का नाम भी शामिल है. ऐसे में भाजपा में सेशन कोर्ट के इस निर्णय को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है.
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यह है दारा सिंह एनकाउंटर की कहानी
दारा सिंह राजस्थान के चुरू जिले का एक इनामी बदमाश था. जिसके खिलाफ 50 से अधिक प्रकरण दर्ज थे. दारा सिंह को पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. जिस पर एडीजी एके जैन की ओर से 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था. दारा सिंह को पकड़ने के लिए राजस्थान एसओजी ने वर्ष 2006 में अक्टूबर माह में जाल बिछाया और राजधानी के मानसरोवर थाना इलाके में दारा सिंह का एनकाउंटर कर दिया गया.