जयपुर. अलवर में मूक बधिर नाबालिग के साथ हुई दरिंदगी के मामले में आए सियासी उबाल के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया का एक ट्वीट चर्चा में है. यह ट्वीट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 23 मार्च 2017 को किए गए ट्वीट पर रिट्वीट कर पलटवार किया गया है. पूनिया ने इसके जरिए मुख्यमंत्री को बढ़ते अपराध के मामले में घेरा.
ये ट्वीट गहलोत ने तब किया गया था जब प्रदेश में भाजपा की वसुंधरा सरकार ही थी. अशोक गहलोत ने 23 मार्च 2017 को ट्वीट (Ashok Gehlot old tweet on rapes in Rajasthan) कर लिखा था कि 'मासूम बच्चों के साथ बढ़ती बलात्कार की घटनाएं चिंताजनक हैं, कड़ी कार्रवाई में सरकार की नाकामी से दोषियों के हौसले बढ़ रहे हैं.' मार्च 2017 में कांग्रेस व गहलोत विपक्ष में थे और तब उन्होंने भाजपा की सरकार पर मासूम बच्चियों के साथ बढ़ती बलात्कार की घटनाओं का हवाला देकर निशाना साधा था.
पढ़ें: खतरे से बाहर है अलवर की निर्भया! जेकेलोन में चल रहा बच्ची का इलाज, चिकित्सक बोले सब ठीक ठाक
अब इसी ट्वीट को आधार बनाकर पूनिया ने गहलोत को कटघरे में खड़ा किया है. हालांकि अब विपक्ष में भाजपा है और सत्ता में कांग्रेस और अशोक गहलोत. अब सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि आखिर मुख्यमंत्री पर पलटवार के लिए इसी ट्वीट को क्यों चुना गया.
'गद्दी छोड़े वरना सबसे नकारा शासक साबित होंगे गहलोत'
पूनिया ने गुरुवार को जो रिट्वीट किया उसमें उन्होंने लिखा कि 'अपने ट्वीट पर ही गौर फरमा लीजिए. राजस्थान के शांतिदूत अशोक गहलोत जी कुछ करिए वरना गद्दी छोड़िए. आप अब तक के सबसे नकारा शासक साबित होंगे और राजस्थान में कांग्रेस की अंतिम सरकार के भी साक्षी बनेंगे.' इसके साथ ही ट्वीट में हैशटैग किया गया #_ राजस्थान_की_निर्भया_मांगे_इंसाफ...