जयपुर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और आमेर विधायक डॉ. सतीश पूनिया ने विधानसभा में केन्द्र की मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और कोरोना काल में किए गए शानदार कार्यों पर अपनी बात रखी. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर जमकर घेरा और कोरोना कुप्रबन्धन को लेकर भी राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया.
डॉ. पूनिया ने कहा कि देश में जहां वेन्टिलेटर्स और मास्क नहीं होते थे, अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में की जा रही अनुठी पहल के तहत 2.68 करोड़ पीपीई किट का भारत उत्पाद करने वाला देश बन गया है, जो दुनिया में दूसरा बड़ा उत्पादन करने वाला देश भारत बन गया है.
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48 हजार वेन्टिलेटर्स भी कोरोना काल में भारत की धरती पर बनाए गए हैं, इसलिए मैं निवेदन करना चाह रहा हूं, जिन पीएम केयर फंड के बारे में आप लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की, उसको चुनौती दी, मैं सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का स्वागत करता हूं और उसी पीएम केयर फंड से 50 हजार पीपीई किट्स का बनना संभव हुआ है.
इस महामारी के कारण पूरे विश्व में 1930 के बाद की ये दूसरी बड़ी आर्थिक गिरावट थी. सुकून की बात है कि 2021 के IMF के एक अनुमान के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था वापस रिकवर होकर, रिवाइज होकर 6 प्रतिशत तक पहुंचेगी. ये IMF की रिपोर्ट कहती है, लेकिन लॉकडाउन के फैसले से कांग्रेस पार्टी भ्रमित थी. आपके राष्ट्रीय नेता तो विरोध कर रहे थे, लेकिन कोरोना पर काबू पाने को लेकर मोदी जी के कुशल प्रबन्धन की प्रशंसा हुई.
पूनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का आपने जो जिक्र किया ताली का, थाली का, दीए का, मैं ये बताना चाह रहा हूं कि उस 22 मार्च को आप लोगों ने देखा है और आपके बहुत सारे नेताओं के फोटो और वीडियो दिखा दूंगा, क्योंकि वो पूरी लड़ाई से लड़ने की, उसमें ना सियासत थी, ना पार्टी थी, ना दल था, ना जाति थी, ना पंथ था, ना मजहब था, पूरे देश और दुनिया के सामने देश की एकता का वो जश्न मना था, उत्सव मना था, दिवाली मनी थी. आपको तकलीफ थी उसकी, आपको तकलीफ 5 अगस्त की भी थी. आप सूर्यगढ़ में पता नहीं क्या-क्या कर रहे थे, लेकिन देश तो 5 अगस्त को जश्न मना रहा था. डॉ. पूनिया के इस सम्बोधन के दौरान भाजपा के सभी विधायकों ने विधानसभा में जय श्रीराम का नारा लगाया और साथ में पूनिया ने भी जय श्रीराम का नारा लगाया.
कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए पूनिया ने कहा कि एक दीया सूर्यगढ़ में जला लेते, तो देश की जनता उसे देखती. इस दौरान मंत्री शान्ति धारीवाल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ना थाली से काम चला-ना ताली से काम चला, एक ताबीज और दिला दो जिससे शायद कुछ हो जाए, तब पूनिया ने जवाब देते हुए कहा कि मुझे लग रहा है कि आपको रघु शर्मा की सेवाएं लेने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने इस आपदा को समझते हुए 50 हजार करोड़ के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरूआत की. जिसमें राजस्थान के भी 22 जिले शामिल हैं. मैं राज्य सरकार से निवेदन करता हूं कि कम से कम जब केन्द्र ने इतनी मेहरबानी कर राशि दी है, तो उसको ठीक से लागू करवा लें.
पूनिया ने प्रदेश के चिकित्सा मंत्री को बताया कि 1 हजार 780 करोड़ रूपए स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़िकरण के लिए भारत की सरकार ने अप्रैल में राज्य सरकार को दिए थे, एफसीआई में 5 अप्रैल को 34 हजार मैट्रिक टन अनाज राजस्थान की सरकार को दिया था और जो 2 हजार 500 रूपए देने की पीठ आप थपाथपा रहे थे, राजस्थान की जनता को तो पता नहीं होगा, आपने फुसला लिया होगा, लेकिन श्रम और रोजगार मंत्रालय के आदेश से 2 हजार 500 रूपए जो आपने दिए थे, वो भारत सरकार के प्रावधान थे जो आपको मिले हैं.
डॉ. पूनिया ने कहा किइस संकट के अवसर पर आप चर्चा कर रहे थे कोरोना की और कोरोना से उत्पन आर्थिक स्थिति की और उन आर्थिक स्थितियों से उत्पन अवसर की. इसलिए मैं निवेदन करना चाह रहा हूं अभी भी समय है, जो आधारभूत ढ़ांचा जिसका आप जिक्र करते हो, आप उद्योगों में सिंगल विंडो की बात करते हो, इज ऑफ डूईंग बिजनेस की बात करते हो, मुझे लगता है कि ये समय है कि वोकल फॉर लोकल के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं. उन श्रमिकों को जो स्किल्ड हैं, उनको कौशल के अनुसार ठीक तरीके से यदि रोजगार की दिशा में ले आयेंगे, तो आप राजस्थान का भला कर पायेंगे.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग खुश होते हैं भीलवाड़ा मॉडल पर, मैं ये देखता हूं कि पूरे कोरोना काल में दो बातों की आप खुशी जाहिर करते हैं. एक तो भीलवाड़ा मॉडल की और दूसरी आप कहते हो कि प्रधानमंत्री जी ने हमारी तारीफ की, लेकिन कुछ तो खुद भी प्रशंसा करना सीखो, जब प्रधानमंत्री जी ने तारीफ कर दी, तो मुझे लगता है कि इस बात पर आपको भी चिंता करने की जरूरत है कि प्रदेश में कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ, चुनौती कम नहीं हुई, आप सहकारी संघवाद को चुनौती देते हो, लेकिन उसका सम्मान करना भी सीखो.
साथ ही कहा कि प्रदेश में स्क्रिनिंग की, सैमप्लिंग की, टेंस्टिंग की और कोरोना से उपस्थित तमाम चुनौतियां का अच्छे प्रबन्धन के साथ समाधान करने की दिशा में गंभीरता से काम करने की जरूरत है. हमारी सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर जितना खर्चा करती है, ये विचार करने की आवश्यकता है कि नीचे तक गांवों के सब-सेन्टर, उनकी पीएचसी, सीएचसी उनको जब तक मजबूत नहीं करेंगे, तो मुझे लगता है कि हम बहुत बेहतर स्वास्थ्य लोगों को नहीं दे पाएंगे. इसलिए चिकित्सा व्यवस्था को गांव तक मजबूत करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.