जयपुर. प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए बार का लाइसेंस प्रक्रिया में शिथिलता दी है. जिस पर अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सवाल उठाया है. पुनिया के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधीवादी कहलवाना पसंद करते हैं और समय-समय पर शराबबंदी की बात भी करते हैं लेकिन, जिस तरह का निर्णय उनकी सरकार में हुआ है. वह भ्रष्टाचार की नींव पर कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला फैसला माना जा सकता है.
दरअसल 1 जनवरी को वित्त विभाग ने अधिसूचना जारी कर शराब बार के लाइसेंस के नियमों में शिथिलता दी है. जिसके तहत अब 30 फीट रोड वाले इलाकों में भी बाहर के लाइसेंस दिए जा सकेंगे. वहीं, 125 गज क्षेत्र वाले होटल या रेस्टोरेंट में भी बाहर का लाइसेंस मिल सकेगा और इसके लिए कोई व्यवसाय भू-रूपांतरण की बाध्यता भी नहीं होगी.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार के इस फैसले को मुद्दा बनाते हुए गहलोत पर अपने ही बयान से यू टर्न करने वाला मुख्यमंत्री करार दिया. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए पुनिया ने कहा कि अपराधों की राजधानी बने जयपुर में सरकार के इस फैसले से और अराजकता फैलेगी.
पढ़ें- सीएम अशोक गहलोत पहुंचे जयपुर, बिरला सभागार में आयोजित कार्यक्रम में करेंगे शिरकत
उन्होंने कहा कि शराबबंदी की बात करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में कुछ माह पहले बिहार में एक टीम भेजकर वहां लागू की गई शराबबंदी की प्रक्रिया जानी थी. लेकिन अब इसके उलट राजस्थान में ही शराब की संस्कृति को बढ़ावा देने का काम वह कर रहे हैं. जिससे यह साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री के बयान भी विरोधाभासी है और प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति भी बेहद खराब है.