जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने यह साफ कर दिया है कि समिति के गठन में सबके सुझाव शामिल किए गए और इसकी पूरी जिम्मेदारी महापौर, उपमहापौर और जयपुर शहर अध्यक्ष को दे दी गई थी. जयपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्णिया ने यह भी कहा कि प्रयास किया गया है कि अनुभव के साथ नए चेहरे को भी मौका मिले और सोशल इंजीनियरिंग और तमाम विधानसभा क्षेत्रों का भी ध्यान रखा जाए.
पुनिया ने यह भी कहा कि तमाम प्रयास के बावजूद भी यदि कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिल पाया तो पार्टी ने उनके लिए कुछ और भी सोच रखा होगा और उनका उपयोग वहां पर किया जाएगा.
कांग्रेस पार्षदों को शामिल नहीं करने पर खड़ा होगा विवाद
दरअसल, नगर निगम जयपुर ग्रेटर में समितियों के गठन से जुड़ा प्रस्ताव तो साधारण सभा में अनुमोदित कर लिया गया लेकिन समितियों में कांग्रेस पार्षदों को कोई स्थान ही नहीं मिला जो कि अब तक की नगर निगम की परंपरा के अनुरूप नहीं है. वहीं समितियों के अध्यक्षों को दो से तीन अन्य समितियों में सदस्य भी बना दिया गया जो अब तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ.
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इन तमाम चीजों को लेकर पार्टी के कार्यकर्ता और उन पार्षदों में नाराजगी है. समितियों में स्थान नहीं मिल पाया और वह अपने नेताओं से इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं और नाराजगी जता चुके हैं.