बीकानेर. प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी को लेकर सोनिया गांधी को लिखे पत्र के जवाब में कहा है कि पूनिया को यह पत्र पीएम मोदी को लिखना चाहिए था. उन्हें मोदी से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करनी चाहिए थी.
बीकानेर दौरे के दौरन पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने केंद्र सरकार और प्रदेश भाजपा नेताओं पर जमकर निशाना. खाचरियावास ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कमी की है. इससे वैट में भी कमी आई है. अब राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी को लेकर भाजपा हल्ला मचा रही है, लेकिन हमारी मांग है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए और पूरे देश में एक ही तरह की रेट हो.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के सवाल पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि पूनिया को यह पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि पूनिया को प्रधानमंत्री से पूरे देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में और कमी करने जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करने के साथ ही साल 2014 में जो एक्साइज ड्यूटी थी उतनी ही एक्साइज ड्यूटी करने की मांग करने का पत्र प्रधानमंत्री को लिखना चाहिए था.
कोरोना में कम मिली ऑक्सीजन
इस दौरान खाचरियावास ने कहा कि अब सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले यह नहीं देख रहे हैं कि कोरोना काल में राजस्थान को 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कम मिली और खुद भाजपा नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया था. लेकिन उस वक्त केंद्र में राजस्थान के तीन मंत्री और राजस्थान से भाजपा के सांसद-नेता प्रदेश को ऑक्सीजन नहीं दिला पाए. वे अब पेट्रोल-डीजल को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिख रहे हैं.
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आंतरिक लोकतंत्र में अपनी बात कहने का हक
उन्होंने कहा कि हर पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र होता है. मेरी पार्टी में अगर कोई बात है तो मैं उसे कहता हूं और इसमें डरने की कोई जरूरत नहीं है. भाजपा के नेताओं को भी ऐसा करना चाहिए. लेकिन उन्हें केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही टारगेट करना होता है.