जयपुर. नव वर्ष के पहले दिन सियासी प्याले में उबाल देखने को मिला. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ये आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा प्रदेश सरकार को कमजोर कर गिराने की साजिश कर रही है. मुख्यमंत्री के आरोपों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने पलटवार किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार आरोप ना लगाएं, यदि वो जनादेश का दावा करते हैं और खुद को लोकप्रिय बताते हैं तो फिर मिड टर्म पोल करवा लें, जिससे पता चल जाएगा कौन कितने पानी में है. अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने यह बात कही.
पूनिया ने इस दौरान यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी ही पार्टी के भीतर से चुनौती मिल रही है, इसलिए वे विचलित हैं. पूनिया के अनुसार गहलोत मानसिक रूप से इतने विचलित हो चुके हैं कि अपने बयानों में कई बार मर्यादाएं भी भूल जाते हैं.
चलते फिरते आरोप लगाने में सीएम को आता है आनंद, आरोप निराधार
भाजपा के भीतर वसुंधरा राजे को लेकर सतीश पूनिया पर लगाए गए मुख्यमंत्री के आरोपों को भी पूनिया ने निराधार बताया है. पूनिया ने कहा कि चलते फिरते आरोप लगाने में मुख्यमंत्री को आनंद आता है, लेकिन जो आरोप लगाए हैं वह निराधार हैं. पूनिया ने यह भी कहा कि मैं दिल्ली जाऊंगा तो यह जरूरी नहीं कि उनको बता कर जाऊं. पूनिया के अनुसार वह पार्टी नेताओं से मिलने दिल्ली जाते थे, जाएंगे और जाते रहेंगे, लेकिन इस बारे में मुख्यमंत्री जो बयान बाजी करते हैं, वह केवल जनता का ध्यान डायवर्ट करने और सहानुभूति बटोरने के लिए ही है.
पढ़ें- कषि कानूनों से किसानों की आय दोगुनी होना तो दूर, खेती-किसानी भी बर्बाद हो जाएगी: भंवर सिंह भाटी
मध्यप्रदेश का दिया उदाहरण, कहा- कांग्रेस का जनाधार खत्म
डॉ. सतीश पूनिया के अनुसार मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के नेता बीजेपी पर कांग्रेस शासित सरकारें गिराने का आरोप लगाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश और कर्नाटक में क्या हुआ, वह सबके सामने है. मध्यप्रदेश में जिन कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी और बीजेपी का टिकट लेकर चुनाव लड़े, उनको जनता ने जिताया. मतलब साफ है कि अब कांग्रेस की जड़ें खत्म हो चुकी हैं और जनादेश भी कांग्रेस के पास नहीं है.
यही घोड़ा यही मैदान तो करवा लें मध्यावधि चुनाव, हम हैं तैयार
वहीं मुख्यमंत्री के आरोपों को निराधार बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह तक कह दिया यदि राजस्थान उनको ऐसा लगता है कि उनको कमजोर करने और सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है तो वो आ जाए ना मैदान में और करवा लें मध्यावधि चुनाव. पता लग जाएगा कौन कितने पानी में है. पूनिया ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री में इतनी कुव्वत है और वह अपने आप को इतना लोकप्रिय मानते हैं और कांग्रेस की जड़े आज भी गहरी हैं तो मध्यावधि चुनाव करवा सकते हैं, हम उसके लिए तैयार हैं. पूनिया ने कहा कि ऐसे भी मुख्यमंत्री कहते आए हैं कि यही घोड़े यही मैदान तो फिर मध्यावधि चुनाव भी करवा कर देख लें कि कौन कितने पानी में है.