जयपुर. राजस्थानी भाषा को राजभाषा घोषित करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसके लिए सीएम गहलोत को पत्र लिखा था और अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग (Rajasthani As Official Language Of State) दोहराई है. पूनिया ने राजस्थानी भाषा में ही यह पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र (Satish Poonia Wrote Letter To CM Gehlot) में सतीश पूनिया ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएं दी और लिखा कि राजस्थान की मातृभाषा राजस्थानी पूरी दुनिया में सबसे समृद्ध भाषा है. लेकिन दुख की बात यह है कि राजस्थानी भाषा को अब तक राजभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ. सब जानते हैं कि कोई भी सभ्यता, संस्कृति, रीति रिवाज, तीज त्यौहार, पढ़ाई लिखाई में भाषा और बोली दोनों का महत्व होता है.
जितने भी देवी देवता, संत महात्मा और महापुरुष रहे उनकी राजस्थानी भाषा (Rajasthani As Rajbhasha) ही रही. राजस्थानी भाषा के संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए कई अकादमी काम कर रही है और कई पत्र-पत्रिका है जो अभी राजस्थानी भाषा में प्रकाशित हो रही है. साथ ही केंद्रीय साहित्य अकादमी की 24 भाषाओं में राजस्थानी भाषा भी शामिल है. तो वही यूजीसी की नेट परीक्षा में राजस्थानी भाषा को विषय रखा गया है. साथ ही राजस्थान के कई विश्वविद्यालय और कॉलेज में पीएचडी, एमफिल, बीए में भी राजस्थानी भाषा अलग विषय के रूप में शामिल है.
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उन्होंने लिखा कि पदमश्री सीताराम जी ने राजस्थानी भाषा में ढाई लाख शब्दों को दुनिया का सबसे बड़ा शब्दकोश भी बनाया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रार्थना करते हुए कहा कि प्रदेशवासियों की भावना के अनुरूप राजस्थानी भाषा को राजभाषा घोषित किया जाए.