जयपुर. मुख्यमंत्री के भाई पर सीबीआई की कार्रवाई के बाद आए सीएम अशोक गहलोत के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार (Poonia on CM Gehlot) किया है. पूनिया ने कहा कि लोकतंत्र की बात करना सीएम गहलोत और कांग्रेस के नेताओं को शोभा नहीं देता. मुख्यमंत्री भाजपा और केंद्र की सरकार पर लगातार अनर्गल आरोप लगाते हैं क्योंकि उन्हें इस बात का आभास हो चुका है कि अब राजस्थान और देश से कांग्रेस की सियासी जमीन खिसक चुकी है.
सतीश पूनिया ने कहा कि देश पर आपातकाल कांग्रेस ने थोपा, अनुच्छेद 356 का दुरूपयोग कर सैकड़ों बार राज्य सरकारों को अस्थिर करने के षड्यंत्र रचे गए और राजस्थान में भी इस कांग्रेस सरकार के शासन में जिस भी कांग्रेस और अन्य विधायकों ने लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करा दिए. विधायकों की जासूसी के लिए पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया गया. पूनिया ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा और अन्य विधायकों को डराने धमकाने के लिए भी पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया, उनके घरों पर जासूसी के लिए पुलिस का पहरा बिठा दिया गया, क्या यह कार्यशैली लोकतंत्र की बात करने वाले अशोक गहलोत के लिए शोभा देती है.
पूनिया ने अपने बयान में कहा कि अपने हक के लिए जयपुर में लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठा रहे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को कांग्रेस सरकार ने तानाशाही रवैये से गिरफ्तार कर उनकी आवाज को दबाया है. मुख्यमंत्री बात लोकतंत्र की करते हैं जो उनकी कार्यशैली से साम्यता नहीं रखती. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का माहौल है. सीएम गहलोत गांधी परिवार को खुश करने के लिए केन्द्र सरकार की सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं का विरोध करते हैं और प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र करते हैं, जो किसी से छिपा नहीं है. उन्होंने कहा कि जनता आतुर है कांग्रेस की प्रदेश से हमेशा की विदाई के लिए और 2023 में भाजपा की सरकार बनाने को.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई पर सीबीआई की हुई कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री ने केंद्र के मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर जुबानी हमला बोला था और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया था जिस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पलटवार किया है.