जयपुर. सरपंच संघ के प्रदेश प्रवक्ता रफीक पठान और जयराम पलसानिया ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में 17 नगरपालिकाओं का गठन किया था. इसमें हाल ही में नवनिर्वाचित 33 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर आ चुका है. इन नगर पालिकाओं के बन जाने पर लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा.
साथ ही यहां पर कार्य करने वाली नरेगा की लेवर के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो चुका है. इसके अलावा छोटे-छोटे कार्य में रुकावटें पैदा होंगी. एक नगरपालिका को बनाने के लिए 33 ग्राम पंचायतों के गांव को जोड़ा गया है. जो व्यावहारिक नहीं है. इन सब बातों से प्रमुख शासन सचिव को अवगत कराया गया. प्रतिनिधिमंडल का इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल से भी मिलने का कार्यक्रम है.
वहीं सरपंच संघ और सरकार के बीच विभिन्न मांगों को लेकर जो सहमति पत्र तैयार हुआ था. उसकी क्रियाविति को लेकर भी पंचायत राज के प्रमुख शासन सचिव रोहित कुमार सिंह से वार्ता हुई. इसमें टेंडर प्रक्रिया ग्राम पंचायत स्तर पर करवाने और रास्ता तथा अन्य सरकारी कार्यों के लिए ली जाने वाली निजी भूमि का सहमति पत्र 100 रुपए के स्थान पर लेने के आदेश तुरंत निकलवाने की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल में राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल, कार्यकारी अध्यक्ष रोशन अली. प्रदेश प्रवक्ता रफीक पठान, जयराम पलसानिया, सरपंच संघ के जयपुर जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनखड़, पावटा पंचायत समिति के तहसील अध्यक्ष नरपत सिंह शेखावत, सरपंच अशोक सैनी, सपोटरा सरपंच भरत लाल मीणा, नोताडा सरपंच रऊफ खान, अटरू पंचायत सरपंच सुशीला देवी, संत पुरा सरपंच उग्रसेन मीणा सहित कई अन्य सरपंच और सरपंच संघ के पदाधिकारी शामिल रहे.