जयपुर. बीवीजी कंपनी वायरल वीडियो प्रकरण में शुक्रवार को निंबाराम एसीबी मुख्यालय पहुंचे जहां 3 घंटे तक उनसे पूछताछ की गई. 29 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने निंबाराम की याचिका पर फैसला सुनाते हुए निंबाराम की गिरफ्तारी पर 1 सप्ताह की अंतरिम रोक लगाई. साथ ही निंबाराम को एसीबी मुख्यालय में अनुसंधान अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा.
हाईकोर्ट के आदेश होने के बाद निंबाराम कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी और इसके साथ ही कुछ दस्तावेज लेकर एसीबी मुख्यालय पहुंचे. जहां पर वह अनुसंधान अधिकारी राजेंद्र नैन के समक्ष प्रस्तुत हुए. इसके बाद निंबाराम से जांच अधिकारी ने अनेक सवाल जवाब किए और साथ ही कुछ दस्तावेज की भी मांग की. जिन्हें निंबाराम ने जल्द ही उपलब्ध कराने की बात कहते हुए एसीबी से कुछ दिनों की मोहलत मांगी.
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दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक हुई लगातार पूछताछ
एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि निंबाराम से एसीबी मुख्यालय में दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक लगातार पूछताछ की गई. जिसमें बीवीजी वायरल वीडियो प्रकरण के संबंध में सवाल पूछे गए. एसीबी ने आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम से एसीबी की ओर से प्रकरण में कार्रवाई करते हुए पूर्व में गिरफ्तार किए गए पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और बीबीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे को लेकर भी पूछताछ की.
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इसके साथ ही निंबाराम से कुछ दस्तावेज भी मांगे गए. जिन्हें जल्द उपलब्ध कराने की बात कहकर निंबाराम की ओर से कुछ समय मांगा गया. 3 घंटे के दौरान निंबाराम से अलग-अलग चरणों में प्रकरण को लेकर पूछताछ की गई और उनके बयान दर्ज किए गए.
गौरतलब है कि 10 जून को सोशल मीडिया पर बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के बिल के भुगतान के बदले 20 करोड़ की रिश्वत मांगे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो और ऑडियो वायरल हुए. जिस पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए एसीबी मुख्यालय में वायरल वीडियो और ऑडियो को लेकर मामला दर्ज किया गया. साथ ही वीडियो में दिखाई दे रहे पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के प्रति राजाराम गुर्जर, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम और संदीप चौधरी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया.