जयपुर. राजस्थान में बीते साल आए राजनीतिक उठापटक को 11 महीने का समय पूरा हो चुका है, लेकिन उस पूरे घटनाक्रम को सुलझे भी अब 10 महीने का समय हो चुका है. बावजूद इसके, अब भी अपने पद गंवा चुके पायलट कैंप के हाथ बिल्कुल खाली हैं, जबकि समझौता होने के बाद बनी तीन सदस्य कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है.
हालांकि, जो 3 सदस्य कमेटी बनाई गई थी उनमें से अहमद पटेल का निधन हो चुका है, लेकिन उन बातों को भी अब लंबा समय हो चुका है. ऐसे में अब सचिन पायलट कैंप के विधायकों का सब्र भी जवाब दे रहा है. यही कारण है कि खुद सचिन पायलट ने पिछले महीने ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जाकर यह कहा था कि अब पांच राज्यों के चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं. ऐसे में उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे और उसको जो आश्वासन मिला था, उसमें अब देरी का कोई कारण नहीं बचा है.
पायलट ने साफ कहा था कि चाहे कैबिनेट फेरबदल हो या फिर राजनीतिक नियुक्तियां, अब प्रदेश में सभी काम पूरे हो जाने चाहिए. पायलट ने इस पूरे मामले में सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा था कि यह कमेटी किसी और ने नहीं, खुद सोनिया गांधी ने बनाई थी. ऐसे में उन्हें विश्वास है कि यह सब काम राजस्थान में होंगे.
लेकिन आपको बता दें कि पायलट को यह बयान दिए हुए भी अब एक महीने का समय गुजर चुका है और अब तक पायलट कैंप के हाथ पूरी तरीके से खाली हैं. हालांकि, अबकी बार राजनीतिक नियुक्तियां और कैबिनेट रिशफल या विस्तार में देरी होने का कारण कोरोना को भी जा रहा है, लेकिन हकीकत यही है की देरी भले ही किसी कारण से हो, लेकिन पायलट कैंप के विधायकों का अब सब्र टूट रहा है. अब जल्द ही कुछ नहीं किया जाता है तो राजस्थान में फिर किसी तरीके की राजनीतिक हलचल बढ़ सकती है.