जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री रह चुके सचिन पायलट के समर्थकों को जिस तरीके से राजस्थान कांग्रेस के संगठन में पर्याप्त जगह मिली है. इससे एक बात साफ है राजस्थान में पिछले साल जुलाई में हुआ सियासी घटनाक्रम अब कल की बात हो गया है. चाहे राजस्थान में अब राजनीतिक नियुक्तियां हों या फिर कैबिनेट फेरबदल और विस्तार सभी में पायलट गुट के नेताओं को सम्मानजनक संख्या में एडजस्ट किया जाएगा.
इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि खुद सचिन पायलट का क्या होगा? क्या वह राजस्थान में कोई पद लेंगे या फिर राष्ट्रीय कांग्रेस में पद लेकर दिल्ली चले जाएंगे, लेकिन अब सचिन पायलट ने जिस तरीके से अपने समर्थकों को साफ कह दिया है कि वह राजस्थान में ही रहेंगे और प्रदेश की जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करेंगे. ऐसे में उन सारे कयासों पर विराम लग गया है, जिनमें यह कहा जा रहा था कि सचिन पायलट ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जाने का मानस बना लिया है.
सचिन पायलट अब राजस्थान में रहकर राजनीतिक गतिविधियां करते नजर आएंगे. इस बात को सचिन पायलट कई बार कह भी चुके हैं कि वह राजस्थान में रहकर ही यहां के लोगों की सेवा करेंगे तो अब अपने समर्थकों को जिस तरीके से उन्होंने कहा है कि उन्होंने बिना किसी पद के राजस्थान में रहने का फैसला कर लिया है और उन्होंने अपने निर्णय से कांग्रेस पार्टी के आला नेताओं को अवगत भी करवा दिया है.
राजस्थान में सचिन पायलट करेंगे राजनीतिक दौरे
सचिन पायलट राजस्थान में अब कोई पद नहीं लेंगे, लेकिन अपने समर्थकों को वह संगठन के बाद अब राजनीतिक नियुक्तियों और कैबिनेट एक्सपेंशन के जरिए पर्याप्त स्थान भी दिलाएंगे. इसके साथ ही सचिन पायलट अब पूरे प्रदेश में दौरे करने का मानस बना चुके हैं, जिसकी शुरुआत किसानों के पक्ष में रविवार 10 जनवरी से वह अपनी विधानसभा टोंक से करेंगे.
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पायलट 10 और 11 जनवरी को टोंक के गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में जाकर किसानों के लिए लाए गए केंद्रीय कानूनों की खामियां गिनवाएंगे. इसके बाद जब राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों और कैबिनेट फेरबदल और विस्तार का काम पूरा हो जाएगा तो सचिन पायलट पूरे प्रदेश में राजनीतिक दौरे पर निकल जाएंगे. इन राजनीतिक दौरों के जरिए सचिन पायलट अपना शक्ति प्रदर्शन तो करेंगे ही, इसके साथ ही राजस्थान में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में भी जुट जाएंगे.