जयपुर. राजनीतिक दलों में एक तीर से दो निशाने करना हमेशा से ही सुनने में आता रहा है. कुछ ऐसा ही राजस्थान में भी हुआ है. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने नाम भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष सतीश पूनिया का लिया और निशाना अपनी ही पार्टी के नेताओं पर लगा दिया.
दरअसल, प्रदेश में राज्यसभा के चुनाव हो चुके हैं, इन चुनाव में खरीद-फरोख्त के जो आरोप कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक की ओर से लगाए गए थे. उसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने शुरुआत में कहा था कि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की आसानी से जीत और राजस्थान में खरीद-फरोख्त के आरोपों को उन्होंने सिरे से नकारा था. जबकि उन्हीं की पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी लगातार खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते भी रहे और इसकी शिकायत एसीबी, एसओजी और एटीएफ तक की.
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अब राज्यसभा चुनाव के परिणाम भी आ चुके है तो चुनावों के बाद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने नया आरोप लगा कर सबको चौंका दिया है कि 23 विधायकों को कांग्रेस ने रिको में प्लॉट दिए या खानों का आवंटन किया या फिर उन्हें कैश दिया गया. इस बयान पर राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि इस तरीके के आरोप उन्होंने पहली बार सुने हैं कि कोई विपक्ष का दल यह आरोप लगाए कि अपनी ही पार्टी के विधायकों को कोई प्रलोभन दे रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के विधायक हो, निर्दलीय हो या फिर हमारे सहयोगी दल सभी का वोट कांग्रेस पार्टी को मिला है और जो दावा मैंने चुनाव से पहले किया था, उसी के आधार पर कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों को वोट मिले हैं और उनकी जीत हुई है.
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इसका मतलब यह है कि जितनी भी बातें चुनाव से पहले की गई थी, वह निराधार थी जो भी कुछ कहा गया या कहलवाया गया उसका कोई औचित्य नहीं है. यह बयान देकर उन्होंने एक बार फिर राजस्थान में जो राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त के आरोप लग रहे थे, उन्हें सिरे से नकारते हुए कहीं ना कहीं अपनी ही पार्टी के खरीद-फरोख्त के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. हालांकि, नाम उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का लिया, लेकिन निशाना अपनी ही पार्टी पर बनती दिखाई दी.