जयपुर. राजस्थान में ऐसे कम ही मौके आए हैं जब कांग्रेस पार्टी के दो विपरीत ध्रुव माने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट एक-दूसरे के समर्थन में उतरें. ज्यादातर दोनों एक-दूसरे के निशाने पर ही रहते हैं. लेकिन शुक्रवार को कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत पर हुई सीबीआई की रेड के मामले (sachin pilot on cbi raid on cm gehlot brother) में सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़े दिखे.
पायलट ने कहा कि भारत सरकार का अनावश्यक राजनीतिक दबाव एजेंसियों पर पड़ रहा है और वह सब को दिख रहा है. ईडी ने द्वेषपूर्ण भावना रखते हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को प्रताड़ित करने की ठान ली है और हम सब कांग्रेस के लोग उसका विरोध करते हैं. इसके आगे पायलट ने कहा कि सीबीआई ने आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई के यहां जो छापेमारी की है वह इस बात का प्रतीक है कि तमाम एजेंसीज चाहे वह इनकम टैक्स हो, सीबीआई हो या ईडी ये सभी राजनीतिक दबाव में काम कर रही हैं. कांग्रेस पार्टी का विरोध इन संस्थाओं का राजनीतिकरण करने के खिलाफ है. पायलट ने कहा कि राजनीतिक में जो ज्वलंत मुद्दे हैं जैसे महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी इन सबको दबाया जा रहा है.
सरकार संविदा पर कर रही सेना में भर्ती
पायलट ने एक बार फिर अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती को लेकर कहा कि भाजपा 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात करती थी और अंत में अग्निपथ योजना की घोषणा की है. सेना में चार साल के लिए भर्ती करने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया है. इसके विरोध में पूरे देश में आज आंदोलन हो रहा है और भारत के नौजवानों के साथ धोखा और खिलवाड़ करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है. पायलट ने कहा कि भारत की सेना पर हम सब को फख्र है. दुनिया में भारतीय सेना का नाम सबसे ऊपर आता है लेकिन इस नई स्कीम के तहत सिर्फ 46,000 लोगों को संविदा पर भर्ती किया जाएगा.
पायलट ने कहा कि सेना में स्पेशलाइज ट्रेनिंग होती है जिसे करने में बहुत समय लगता है और 4 साल में वह सैनिक छुट्टी पर भी जाएगा तो दो-ढाई साल की नौकरी के बाद वह वापस सड़कों पर आएगा. यह देश के नौजवानों के साथ खिलवाड़ है. भारतीय सेना की जो भर्ती प्रक्रिया है यह उसके साथ खिलवाड़ है और भारत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि 2 साल कोरोना का बहाना लेकर आपने भर्तियां नहीं निकाली और अब अग्निपथ योजना के नाम पर भविष्य में होने वाली सेना की सारी भर्तियों को रोकना चाहते हैं.
पायलट ने कहा कि यह लोग बोलते हैं कि किसानों के भले के लिए हम तीन कानून लेकर आ रहे हैं लेकिन उसके चलते सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं और 2 साल के बाद सरकार ने हाथ जोड़कर माफी मांगी और कृषि कानूनों को वापस लिया. अब वह कह रहे हैं कि नौजवानों की भलाई के लिए अग्निपथ योजना लागू कर रहे हैं, अगर ऐसा है तो केंद्र सरकार बताए कि फिर नौजवान सड़कों पर क्यों हैं? इसको भी वापस लेना पड़ेगा. पहले किसानों के साथ खिलवाड़ किया अब नौजवानों के साथ कर रहे हैं.